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'बम का जवाब बम से देंगे' कहने पर प. बंगाल BJP अध्यक्ष दिलीप घोष पर FIR

पश्चिम बंगाल में पुलिस ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है. घोष ने ये भाषण कथित तौर पर मंगलवार को जलपाईगुड़ी में दिया गया.

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बीजेपी अध्यक्ष घोष अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं
बीजेपी अध्यक्ष घोष अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं

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पश्चिम बंगाल में पुलिस ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है. घोष ने ये भाषण कथित तौर पर मंगलवार को जलपाईगुड़ी में दिया गया.

पुलिस ने जलपाईगुड़ी में जिला अधिकारी के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान घोष के दिए भाषण का स्वत: संज्ञान लिया. पुलिस ने घोष के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 143/186/188/506 के तहत केस दर्ज किया.

पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर से बढ़ते हमलों का उसी शैली में पलटवार करने के लिए घोष ने अपने भाषण में जिक्र किया. घोष ने कहा, “हमारे सब्र की भी कोई सीमा है. हमने कोई बॉन्ड लिखकर नहीं दिया है कि जो हम पर हमला करेगा हम उसे मुफ्त रसगुल्ले खिलाएंगे. उन्हें बम के बदले बम से जवाब दिया जाएगा, गोली के बदले गोली और हर लाठी के बदले लाठी.”

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घोष ने जिले में ‘कानून उल्लंघन कार्यक्रम’ की अगुआई करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, “टीएमसी के दादा जो यहां गुंडागर्दी कर रहे हैं, मैं उनसे कहता हूं, वो दिन ज्यादा दूर नहीं है जब तुम या तो जेल जाओगे या सीधे एनकाउंटर में मारे जाओगे. गब्बर सिंह की तरह साथ ही गोलियां और लाशें भी गिनी जाएंगी...किसी को नहीं छोड़ा जाएगा.”

घोष ने राज्य में हाल में हुए पंचायत चुनावों में व्यापक हिंसा का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी बीजेपी कार्यकर्ता को पिट कर वापस नहीं आना चाहिए, अगर वो उसी तरीके से पलटवार नहीं करता.

घोष ने सवाल किया कि क्या भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में विरोधी पार्टी का कार्यकर्ता होना कोई अपराध है? या पश्चिम बंगाल क्या भारत से बाहर है?

घोष ने राज्य पुलिस पर टीएमसी के कहने पर काम करने का आरोप लगाया. घोष ने कहा कि कुछ जगहों पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टीएमसी को उसी की शैली में जवाब दिया तो पुलिस ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की.

पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष ने दावा किया कि पुलिस अधिकारी और नौकरशाहों से सवाल किए जा रहे हैं कि कुछ जिलों में बीजेपी कैसे बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रही. घोष ने कहा, “क्या ये ममता बनर्जी की जागीर है? जो पुलिस अधिकारी इस तरह के दबाव में आने से इनकार करते हैं उन्हें अपमानित किया जा रहा है. उनके ट्रांसफर किए जा रहे हैं.”

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