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जानिए, कौन हैं आईएस और बगदादी के मददगार

फ्रांस की राजधानी पेरिस आईएसआईएस और बगदादी के आतंक से आज भी कराह रही है. लेकिन पेरिस के दर्द से यह सवाल उठा कि आईएस कैसे पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बन गया. और उसके बाद सबसे बड़ा सवाल रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने उठाया कि आखिर आईएस को दुनिया के 40 देश क्यों मदद कर रहे हैं. तो कौन हैं वो 40 मेहरबान जिन्होंने बगदादी को इतना बड़ा शैतान बना दिया.

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आईएस और बगदादी को मदद देने वाले बेनकाब हो चुके हैं
आईएस और बगदादी को मदद देने वाले बेनकाब हो चुके हैं

फ्रांस की राजधानी पेरिस आईएसआईएस और बगदादी के आतंक से आज भी कराह रही है. लेकिन पेरिस के दर्द से यह सवाल उठा कि आईएस कैसे पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बन गया. और उसके बाद सबसे बड़ा सवाल रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने उठाया कि आखिर आईएस को दुनिया के 40 देश क्यों मदद कर रहे हैं. तो कौन हैं वो 40 मेहरबान जिन्होंने बगदादी को इतना बड़ा शैतान बना दिया.

जी-20 सम्मेलन का विषय बदला

वैसे तो दुनियाभर के बड़े नेता अपने देशों को विकास की पटरी पर सरपट दौड़ाने के लिए तुर्की के अंताल्या में जी-20 सम्मेलन में पहुंचे थे. लेकिन पेरिस पर आतंकी हमले से बहस की दिशा मुड़ गई. अब सवाल ये था कि आईएस के आतंकी पंजे से दुनिया को बचाया कैसे जाए. लेकिन इससे भी बड़ा सवाल उठा कि आईएस और बगदादी की मदद कौन कर रहा है.

पुतिन ने किया साफ इशारा

सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने इशारा करते हुए कहा कि दुनिया के 40 ऐसे देश हैं जो बगदादी की मदद कर रहे हैं. आईएस को पैसा दे रहे हैं. पुतिन ने इशारा तो कर दिया लेकिन अब सवाल उठता है कि आखिर वो कौन से देश हैं जो आईएस और बगदादी के आका बन गए हैं. क्यों वे देश इस आतंकी संगठन की मदद कर रहे हैं. पुतिन ने उन जी-20 देशों पर भी उंगली उठाई, जिनकी बैठकों में आतंक पर हंगामा मचा था.

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जी-20 में भी आईएस के मददगार

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुताबिक ISIS पर उन्होंने जी-20 देशों से अपनी ख़ुफ़िया जानकारियां साझा की हैं. उन्होंने उदाहरण के साथ बताया कि कैसे IS तक करीब 40 मुल्कों से पैसा पहुंच रहा है. इसमें जी-20 के साथी देश भी शामिल हैं. IS तेल का गैरकानूनी कारोबार करता है. पुतिन इसे तुरंत प्रभाव से ख़त्म करने की ज़रूरत पर जोर दिया.

कई देश हैं बगदादी के आका

आतंक के मसले पर बड़े और अमीर देशों के पाखंडी रवैये को पुतिन ने बेनकाब कर दिया. लेकिन पहले यह जानना जरूरी है कि वो कौन से देश हैं, जो आतंक का रोना भी रोते हैं और आईएस की भरपूर मदद भी करते हैं. इस सूची में सबसे ऊपर तो अमेरिका का ही नाम है. अमेरिका के अलावा आईएस का ताजा हमला झेलने वाला फ्रांस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, कनाडा, इजरायल, अर्जेंटीना, तुर्की, सऊदी अरब, कतर, यूएई, कुवैत, बहरीन, ट्युनेशिया, लीबिया जैसे देश भी रुपये पैसे से बगदादी की मदद करते हैं.

ज़रूर पढ़ेंः
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जी-20 में भी शामिल हैं 'वो' आठ देश

आतंकी संगठन आईएस और उसके सरगना बगदादी की मदद करने वाले देश बेनकाब तको हो गए लेकिन वो कौन से देश हैं जिनके बारे में पुतिन ने कहा था कि वे आतंकवाद का रोना भी रोते हैं और आतंकियों की मदद भी करते हैं. दरअसल, इन देशों में शामिल अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, ब्रिटेन, मैक्सिको, कनाडा, सऊदी अरब, तुर्की जैसे देश ही जी-20 में शामिल हैं. जिन पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने उंगली उठाई है.

दोहरा चरित्र

सारी हकीकत सामने आ जाने के बावजूद अमेरिका आईएस को नेस्तनाबूद करने की हुंकार भर रहा है. तुर्की की राजधानी में बैठकर जी-20 देशों के जिन बीस शिखर नेताओं ने आईएस के खिलाफ जंग का एलान किया, उन देशों में दुनिया की दो तिहाई आबादी रहती है और दुनिया की सकल घरेलू उत्पाद के 85 फीसदी हिस्से पर इनका ही कब्जा है. वैसे ही दुनिया का 75 फीसदी कारोबार यही बीस देश करते हैं. तो क्या दुनिया भर में फैले बगदादी के 'वो' चालीस आका अपनी गलतियों से सबक लेंगे और बगदादी के आतंक का खात्मा करेंगे. यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है.

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