राम सिंह ही वो आरोपी था जिसने अदालत में कहा था कि उसने बहुत बड़ा गुनाह किया है लिहाजा उसे फांसी दे दी जाए. उसके गुनाहों की सजा का इंतज़ार अभी पूरा देश कर ही रहा था कि उसने खुद ही अपनी मौत को अंजाम दे दिया.
राम सिंह उस बस को चला रहा था जिसमें 16 दिसंबर की रात 23 साल की युवती के साथ गैंगरेप हुआ था. बताया जाता है कि राम सिंह का बर्ताव बेहद अकड़ भरा था. वो ज़िद्दी था, चिड़चिड़ा था और बहुत जल्द गुस्से में आ जाता था. इसीलिए रामसिंह के दोस्त उसे मेंटल कह कर भी पुकारते थे.
राम सिंह का एक हाथ खराब था, दूसरे हाथ में लोहे की रॉड पड़ी हुई थी फिर भी बस चलाने में उसे कोई दिक्कत नहीं थी.