एक महिला ने अपने पति पर अपनी ही बेटी का रेप करने का झूठा आरोप लगा दिया. हैरान कर देने वाला यह मामला तमिलनाडु में सामने आया जब कोर्ट ने पति पर लगे झूठे आरोप खारिज कर दिए. महिला ने प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसिस (POCSO) एक्ट के तहत अपने पति पर दोनों की 11 साल की बेटी का रेप करने के आरोप लगाए थे. मामला तब पलट गया जब बेटी ने कोर्ट में रेप नहीं होने की बात कही.
2018 में महिला ने आरोप लगाया कि पति के रेप करने के बाद उसकी बेटी प्रेग्नेंट हो गई थी और दवाइयों के जरिए उसका गर्भपात कराया गया. लड़की के बयान के बाद कोर्ट ने महिला के इस दावे को भी खारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में पाया कि महिला ने विवाद के चलते अपने पति पर यह आरोप लगाए थे ताकि उसे अपने दो बच्चों की कस्टडी मिल सके. कस्टडी को लेकर लड़की ने कोर्ट में कहा कि वह अपने पिता के साथ रहना चाहती है.
लड़की के बयान के बाद जस्टिस आनंद वेंकटेश ने पिता पर लगे सभी आरोप खारिज कर दिए और पुलिस को महिला के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के मामले में POCSO एक्ट की धारा 22 के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए. जस्टिस वेंकटेश ने कहा यह मामला उन लोगों के लिए एक सबक होना चाहिए जो अपने फायदे के लिए गलत आरोप लगाते हैं. इस मामले से सब हैरान है. एक मां अपने बच्चे की कस्टडी के लिए ऐसा भी कर सकती है, यकीन नहीं होता.