वो दोनों एक बड़े सरकारी बैंक में काम करते थे. दोनों अलग-अलग ब्रांच में तैनात थे. उन दोनों के पास कैश गिनने की अहम जिम्मेदारी थी. मगर एक दिन उन पर पैसे की हवस सवार हो गई. लालच ने उनके दिमाग पर कब्ज़ा कर लिया. और उन्होंने एक ऐसी वारदात की साजिश रची कि वे दोनों खुद ही जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए.
मामला हरियाणा के यमुनानगर का है. अजय और आशु दोनों ही शहर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अलग-अलग शाखाओं में काम करते हैं. दोनों ही कैशियर है. इन दोनों पर लालच इतना हावी हो गया कि अजय ने साथी बैंककर्मी आशु के साथ मिलकर अपने ही बैंक के एटीएम से लाखों रुपए उड़ाने का प्लान बना डाला.
इस काम के लिए आशु के अंबाला में रहने वाले एक रिश्तेदार चंद्रमोहन को भी साथ मिलाया गया. योजना के मुताबिक चंद्रमोहन को पगड़ी पहनाकर सरदार का गेटअप दिया गया. फिर उसे एटीएम मशीन का बैंक कोड बताकर सढौरा एसबीआई बैंक के एटीएम केबिन में भेजा दिया. चंद्रमोहन बैंक का कर्मचारी नही इसलिए उसे मशीन खोलने में दिक्कत हुई.
कुछ देर बाद ही उसने अजय से फोन पर दिशा-निर्देश लेने के बाद मशीन को खोल लिया. और एटीएम मशीन के कैश बॉक्स में पड़े 12 लाख 74 हजार रुपए चुराकर वहां से फरार हो गया. जब बैंक अधिकारियों को इस बात का पता चला तो उनके होश उड़ गए. पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने जब सीसीटीवी कैमरा फुटेज की जांच की तो नकली सरदार की पोल खुल गई.
पुलिस ने सारी कड़ियों को जोड़कर अजय, आशु और चंद्रमोहन को गिरफ्तार कर लिया. यमुनानगर के डीएसपी सुभाषचंद ने जानकारी देते हुए बताया कि पूछताछ में इन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. इनका कहना है कि इन्हें अपने निजी कामों के लिए पैसा चाहिए था. जिसके चलते इन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया.
पुलिस के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज ने इस केस को हल करने में मदद की. पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से लगभग नौ लाख रूपये बरामद कर लिए हैं. जबकि बकाया पैसे की बरामदगी के लिए पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है.