scorecardresearch
 

83 पूर्व अफसरों ने मांगा योगी का इस्तीफा, कहा- बुलंदशहर हिंसा नहीं गोकशी पर ध्यान

बुलंदशहर हिंसा से खफा पूर्व अफसरों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा है. अफसरों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया था.

Advertisement
X
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

Advertisement

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा पर राज्य के पूर्व नौकरशाहों ने योगी सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है. करीब 83 रिटायर्ड नौकरशाहों ने बुलंदशहर हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है. अपने खुले खत में रिटायर्ड अफसरों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया. इसके अलावा वह सिर्फ गोकशी केस पर ध्यान दे रहे हैं.

आपको बता दें कि पूर्व नौकरशाहों का ये खत तब सामने आया है जब बुलंदशहर हिंसा की जांच SIT ने पूरी कर ली है. जांच में खुलासा हुआ है कि हिंसा से पहले गोकशी हुई थी. इस आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगने वालों में पूर्व अफसर बृजेश कुमार, अदिति मेहता, सुनील मित्रा जैसे बड़े अफसर शामिल हैं. अफसरों ने आरोप लगाया कि बुलंदशहर हिंसा को राजनीतिक रंग दिया गया है. आपको बता दें कि ये खुला खत सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रहा है, इसमें दावा किया गया है कि 83 अफसर इनके साथ हैं.

Advertisement

अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इससे पहले भी कई मसलों पर खुला खत लिखा है. बुलंदशहर हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि एक पुलिस वाले की भीड़ द्वारा हत्या किया जाना बहुत दर्दनाक है, इससे राज्य की कानून व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं. उन्होंने अपील की है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और हिंसा से जुड़े पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.

आपको बता दें कि 3 दिसंबर, 2018 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी की खबर के बाद हिंसा फैल गई थी. इस दौरान भीड़ ने बुलंदशहर की स्याना पुलिस चौकी पर हमला किया था, इसी में पुलिसकर्मी सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई थी. इस हिंसा में एक अन्य युवा की भी मौत हुई थी.

Advertisement
Advertisement