यूपी के कुशीनगर में बीजेपी की जीत पर जश्न मनाने के कारण मुस्लिम युवक बाबर की मौत के बाद उसके गांव के लोग बेहद आक्रोशित हैं. मृतक का शव जब रविवार को उसके गांव पहुंचा तो गुस्साए लोगों ने शव को दफनाने से मना कर दिया.
नेता और प्रशासन के समझाने के बाद युवक को अंतिम विदाई दी गई. वहीं बता दें कि योगी सरकार ने बाबर की मौत के बाद उसके परिजनों को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है.
दरअसल कुशीनगर के रामकोला थाने के कठघरही गांव में 26 साल का बाबर अली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जीत दर्ज करने और सरकार बनने का जश्न मना रहा था. बीजेपी की जीत से उत्साहित होकर बाबर अली ने लोगों के बीच मिठाई बांटी जो उसके पड़ोस के कुछ लोगों को पसंद नहीं आया.
मुस्लिम युवक की उसके घर के बगल में रहने वाले पट्टीदारों ने जमकर पिटाई कर दी. इसके बाद घायल युवक को पहले जिला अस्पताल और फिर लखनऊ रेफर कर दिया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
बाबर की पत्नी फातिमा अली और मां जेबुन्निसा ने आज तक को बताया कि बाबर ने रामकोला थाने की पुलिस और कई अधिकारियों से सुरक्षा की गुहार लगाई थी लेकिन उसे सुरक्षा नहीं मिली. रामकोला थाने द्वारा कोई सुनवाई न होने से दबंगों के हौसले बुलंद हो गए और उन्होंने बाबर को पीट- पीटकर अधमरा कर दिया और फिर छत से नीचे फेंक दिया. यह पूरी घटना उसी की मां और पत्नी और बच्चों के सामने हुई.
मृतक बाबर के परिजनों का कहना था कि पड़ोस में रहने वाले पट्टीदार इस बात पर नाराज थे कि बाबर बीजेपी का प्रचार क्यों कर रहा है, कई बार बाबर को बीजेपी का प्रचार करने से मना किया था.
आज तक ने बाबर के गांव वालों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि बाबर बहुत पहले से बीजेपी को समर्थन करता था और घर पर बीजेपी का झंडा भी लगा रखा है, लेकिन जब 10 मार्च को उसने जीत की मिठाइयां बांटी और पटाखे फोड़े, तब दूसरे पक्ष ने बेरहमी से पीट पीट कर सबके सामने उसकी हड्डियां तोड़ दी.
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