दिल्ली के निर्भया कांड ने देश को ऐसा झकझोरा कि लगा अब कोई निर्भया, दरिंदगी का शिकार नहीं होगी.बलात्कारियों के खिलाफ नया कानून बन गया, महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्भया फंड बन गया. लेकिन फिर, सब धरा का धरा रह गया. कुछ भी तो नहीं बदला, बलात्कार आज भी हो रहे हैं, बिलकुल निर्भया कांड से पहले की तरह, हर पंद्रह मिनट में देश की एक बेटी का बलात्कार हो रहा है, लेकिन सिस्टम सो रहा है. निर्भया फंड से कुछ नहीं होता, सिस्टम की आंखों में शर्म होना जरूरी है. आठ साल होने को आये, निर्भया फंड का ऐलान हुए. लेकिन निर्भया फंड के इस्तेमाल की फुर्सत ही नहीं है किसी को, कोई निर्भया फंड खर्च कर भी रहा है, तो जमीन पर तो कुछ दिख नहीं रहा है. देखें ये रिपोर्ट.