मुंबई और राज्य में फोर्स की कमी के चलते पुलिस की एक रिव्यू कमेटी की बैठक बुलाई गई थी. फोर्स की कमी दूर करने के लिए बर्खास्त और विभागीय जांच का सामना कर रहे पुलिसवालों को इमरजेंसी का हवाला देकर वापस फोर्स में बहाल करने की मंज़ूरी दे दी जाती है. जिन पुलिसवालों की बहाली की मंज़ूरी हुई, उसमें एक साथ सचिन वाज़े. 16 साल से बर्खास्त सचिन वाज़े को बहाली के बाद 16 साल बाद फिर उसी क्राइम ब्रांच के सीआईयू में तैनात कर दिया जाता है, जहां आख़िरी बार 16 साल पहले 2004 में वो तैनात था.