अमेरिका ने नया मिसाइल सिस्टम बनाया है. ये एंटी-मिसाइल सिस्टम है जो दुश्मन की मिसाइल को हवा में नष्ट कर देगा. इसका नाम है Dark Eagle. इसमें मीडियम रेंज की मिसाइलें लगी हैं, जो दुश्मन मिसाइल की तरफ 20826 km/hr की गति से बढ़ती हैं. दो स्टेज की बैलिस्टिक मिसाइल में एक स्टेज हाइपरसोनिक ग्लाइड वॉरहेड है.
हाल ही में अमेरिका ने इसका परीक्षण केप केनवरल में किया. ये वही जगह है जहां से नासा के रॉकेट लॉन्च होते हैं. लेकिन सेम लोकेशन पर मिसाइल टेस्टिंग नहीं हुई है. अमेरिका का दावा है कि ये रूस के एयर डिफेंस सिस्टम S-330V4, S-400 और S-500 से कई गुना तेज और बेहतर है.
इसका हाइपरसोनिक ग्लाइड वॉरहेड 50 किलोमीटर की ऊंचाई पर 3000 से 3700 मीटर प्रति सेकेंड की गति से चलता है. यानी दुश्मन की मिसाइल या किसी भी अन्य सिस्टम को इसे रोकने का मौका नहीं मिलेगा. रूस के सिस्टम कम ऊंचाई पर आते हुए हथियार रोक सकते हैं लेकिन मैन्यूवरेबल हाइपरसोनिक वॉरहेड को नहीं.
जबकि डार्क ईगल सिस्टम में बैलिस्टिक, क्रूज, हाइपरसोनिक मिसाइलों और वॉरहेड्स को रोकने की भी क्षमता है. यानी ये दुनिया में मौजूद किसी भी तरह के हाइपरसोनिक हथियार को रोक सकता है. जबकि रूस का एस-300 और एस-400 सबसोनिक, क्रूज, सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक को सीमित दायरे में ही रोक सकते हैं.
रूस के S-500 के पास ये ताकत है कि वो अत्यधिक ऊंचाई पर दुश्मन की मिसाइल को डेस्ट्रॉय कर दे. लेकिन मैन्यूवरेबल हाइपरसोनिक मिसाइल या वॉरहेड को रोकने की ताकत नहीं है. अमेरिकी डार्क ईगल एंटी-मिसाइल सिस्टम 80 किलोमीटर के ऊपर भी दुश्मन के मैन्यूवरेबल टारगेट को नष्ट करने की ताकत रखता है.
अमेरिका ने डार्क ईगल एंटी-मिसाइल सिस्टम को तब पेश किया जब रूस ने अपनी हाइपसोनिक मिसाइल ओरेश्निक की खासियत बताई. उससे यूक्रेन पर हमला किया. यानी रूस अगर हाइपरसोनिक हथियार चलाता है तो अमेरिका अपने नए एंटी-मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल कर सकता है.