हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने Aero India 2025 में एक ऐसे ड्रोन पेश किया है, जो दुश्मन की हालत पस्त कर देंगे. ये हैं CATS क्लास के ड्रोन. CATS क्लास के ड्रोन निगरानी, जासूसी, सामान्य हमला और आत्मघाती हमला करने में सक्षम होंगे. 100 से 170 km की रेंज तक तक ये तबाही मचा देंगे.
एक ही ड्रोन से कई तरह के काम लिए जाएंगे. इन्हें फाइटर जेट में लगाकर उड़ाने से रेंज, सटीकता और मारक क्षमता और ज्यादा बढ़ जाती है. ये अगले एक-दो साल में तैयार हो जाएंगे. इसका नाम है CATS यानी कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम. इसे सिर्फ हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड नहीं बना रहा.
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बल्कि उसके साथ DRDO और दो अन्य संस्थान भी शामिल हैं. भविष्य में इनका उपयोग आमतौर पर भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना करेंगे. CATS के चार वैरिएंट्स बनाए जाएंगे. कैट्स वारियर (CATS Warrior), कैट्स हंटर (CATS Hunter), कैट्स अल्फा (CATS Alfa) और कैट्स इन्फिनिटी (CATS Infinity).
कैट्स वारियर
कैट्स वारियर ड्रोन में PTAE-7 ट्विन टर्बोजेट इंजन लगा है. ये ड्रोन 2-4 का फॉर्मेशन बनाकर हमला करता है. यह स्टेल्थ ड्रोन है. यानी राडार को धोखा देने में माहिर. रेंज है 150 km. यह निगरानी, जासूसी, हमला और आत्मघाती हमला करने में सक्षम है.
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सुसाइड मिशन पर इसकी रेंज को बढ़ाकर 700 km कर सकते हैं. यह ऐसा ड्रोन है जिसमें दो कैट्स अल्फा (CATS Alfa-S) ड्रोन भी भेज सकते हैं. ये इन दोनों ड्रोन्स को दुश्मन पर दाग कर वापस आ सकता है. HAL इस ड्रोन के लिए 390 करोड़ रुपए निवेश कर रहा है.
कैट्स हंटर
कैट्स हंटर ड्रोन का वजन 600 kg है. इसमें भी PTAE-7 इंजन लगा है. इसका डिजाइन मिसाइल की तरह बनाया गया है. यह स्टैंडऑफ एयर लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल जैसे दागी जाएगी. इसे भारतीय वायुसेना अपने फाइटर जेट्स मिराज-2000, जगुआर या सुखोई सू-30एमकेआई में लगा सकते हैं. इसके विंग्स मुड़ सकते हैं. यह 250 kg वजन का हथियार उठा सकता है. या खुद आत्मघाती हथियार बन सकता है. इसकी रेंज 200 से 300 km है. एक बार टारगेट पर बम गिराने के बाद ये वापस भी लौट सकता है.
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कैट्स अल्फा
कैट्स अल्फा स्वार्म अटैक के लिए बनाया गया है. यह एयर लॉन्च्ड फ्लेक्सिबल एसेट स्वार्म (ALFA-S) नाम से जाना जाता है. आत्मघाती हथियार है. यह ग्लाइड करते हुए 100 km की रेंज तक जा सकता है. यह 5 से 8 kg विस्फोटक लेकर 100 km/hr की रफ्तार से दुश्मन पर हमला कर सकती है. यह करीब 2 मीटर लंबी है. इसका वजन 25 kg है. इसे फाइटर जेट्स में लगा सकते हैं. जगुआर में 24 ALFA-S और सुखोई में 30 से 40 अल्फा ड्रोन दागे जा सकते हैं.
कैट्स इन्फिनिटी
इसे न्यूस्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी विकसित करने में लगी है. यह हाई एल्टीट्यूट सूडो सैटेलाइट (HAPS) की तरह इस्तेमाल होगी. यह ऐसा ड्रोन होगा जो 70 हजार फीट की ऊंचाई पर तीन महीने तक लगातार उड़ान भरेगा. वजन 500 kg होगा. यह इतनी ऊंचाई से लगातार निगरानी कर सकता है. इसका विंग स्पैन 50 मीटर होगा. क्रूज स्पीड 90 से 100 km होगी. मुख्य काम जासूसी, निगरानी होगा. भविष्य में इसे हमला करने के लिए भी तैयार कर सकते हैं.