भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसके पास एक ही मिसाइल यूनिट से चार एरियल टारगेट को ध्वस्त करने की क्षमता है. भारतीय सेना के आकाश मिसाइल सिस्टम (Akash Missile System) ने हाल ही में चार टारगेट्स को निशाना बनाया है. आकाश मिसाइल सिस्टम की सिंगल यूनिट में चार मिसाइलें होती हैं. जो अलग-अलग टारगेट्स को ध्वस्त कर सकती हैं. यानी फिलिस्तीनी आतंकियों की तरह हमले की आशंका अब खत्म.
भारतीय सेना और DRDO लगातार इसके एडवांस वर्जन की टेस्टिंग कर रहे हैं. फिलहाल ये क्षमता 25 किलोमीटर रेंज वाली आकाश मिसाइल सिस्टम में विकसित की गई है. बाद में इसके रेंज को और बढ़ाया जाएगा. यह मिसाइल सिस्टम टारगेट को हवा में ही ट्रैक करके उसे खत्म कर देता है. इस मिसाइल में स्वदेशी एक्टिव RF सीकर लगा है.
RF सीकर दुश्मन टारगेट को पहचानने की सटीकता को बढ़ाता है. इसके अलावा इसमें अत्यधिक ऊंचाई पर जाने के बाद तापमान नियंत्रण के यंत्र को अपग्रेड किया गया है. ग्राउंड सिस्टम को अपग्रेड किया गया है. इसके अलावा राडार, EOTS और टेलीमेट्री स्टेशन, मिसाइल ट्रैजेक्टरी और फ्लाइट पैरामीटर्स को सुधारा गया है. इससे ज्यादा जानकारी अभी तक सेना, सरकार या डीआरडीओ की तरफ से दी नहीं गई है.
आकाश मिसाइल सिस्टम के तीन वैरिएंट्स हैं
देश में इसके 3 वैरिएंट मौजूद हैं- पहला आकाश एमके- इसकी रेंज 30KM है. दूसरा आकाश एमके-2 - रेंज 40KM है. तीसरा आकाश-एनजी - रेंज 80KM है. आकाश-एनजी 20 km की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन के विमान या मिसाइल को नष्ट कर सकती है. सबसे ज्यादा खतरनाक इसकी गति है. ये दुश्मन को बचने की तैयारी का मौका नहीं देता.
इसकी गति ही इसकी सबसे बड़ी खासियत
इसकी गति 2.5 मैक यानी 3087 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यानी एक सेंकेंड में करीब एक किलोमीटर की दूरी तय करता है. आकाश-एनजी यानी आकाश न्यू जेनरेशन मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. आकाश-एनजी जमीन से हवा में मार करना वाली मिसाइल है. इसे भारतीय वायुसेना के लिए बनाया गया है.
कई टारगेट पकड़ने में मास्टर है आकाश
आकाश-एनजी में डुअल पल्स सॉलिड रॉकेट मोटर है, जो इसकी गति को बढ़ाता है. इसकी रेंज 40 से 80 km है. साथ ही इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे मल्टी फंक्शन राडार लगा है जो एकसाथ कई दुश्मन मिसाइलों या विमानों को स्कैन कर सकता है. आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल को मोबाइल प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है.
आकाश-एनजी मिसाइल के पुराने संस्करण साल 2009 से भारतीय सेनाओं को अपनी सेवा दे रहे हैं. आकाश-एनजी मिसाइल को T-72 या BMP चेसिस या टाटा मोटर्स के हैवी मोबिलिटी ट्रक्स पर बनाए गए मोबाइल लॉन्च सिस्टम से दागा जा सकता है. इस मिसाइल के मोबाइल लॉन्च सिस्टम के लिए गाड़िया टाटा मोटर्स और BEML-Tatra कंपनियां बनाती हैं.
लंबाई-चौड़ाई और वजन खास तौर से डिजाइन
आकाश-एनजी का कुल वजन 720 kg है. इसकी लंबाई 19 फीट और व्यास 1.16 फीट है. ये अपने साथ 60 kg वजन का हथियार ले जा सकता है. आकाश-एनजी मिसाइल के पुराने संस्करण को पिछले साल चीन के साथ हुए सीमा विवाद के दौरान लद्दाख स्थित लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भी तैनात किया गया था. इसके अलावा भारतीय वायुसेना ने आकाश मिसाइलों को ग्वालियर, जलपाईगुड़ी, तेजपुर, जोरहाट और पुणे बेस पर भी तैनात कर रखा है.