चेचन्या के लीडर और वॉरलार्ड रमजान कादिरोव ने हैरान करने वाला खुलासा किया है. उसका दावा है कि उसने दो साइबरट्रक को यूक्रेन के खिलाफ जंग के मैदान में उतारा है. साइबरट्रक को एलन मस्क की कंपनी टेस्ला बनाती है. सामान्य लोगों को पास अभी तक यह गाड़ी ढंग से पहुंची नहीं लेकिन जंग के मैदान में उतार दी गई है.
कादिरोव ने इससे पहले दावा किया था कि एलन मस्क ने उसे साइबरट्रक गिफ्ट की है. लेकिन मस्क ने इस बात का खंडन कर दिया. मस्क ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है. न ही वो कादिरोव से मिले. फिर मामला कुछ हफ्तों तक शांत था.
यहां नीचे देखिए Video
दो दिन में कादिरोव ने दो बातें कहीं...
पहली 19 सितंबर 2024 को कही. कादिरोव ने कहा कि मस्क ने उसके साइबरट्रक को कथित तौर पर रिमोटली डिस्कनेक्ट कर दिया है. लेकिन इससे मैं परेशान नहीं हूं. मैं अपना काम करता रहूंगा. ये गाड़ियां बिना रिमोट के भी सही ढंग से काम करती हैं. जिसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जा रहा है.
Kadyrov said he sent two more Cybertrucks to the SMO zone. The vehicles were repainted green and a machine gun was installed pic.twitter.com/6Y5MnSG56Y
— Nothing to see (@Wagnersfamily) September 20, 2024
दूसरी 20 सितंबर 2024 यानी आज कहा कि पश्चिमी देशों के हथियार उनके अपने ही साथियों (यूक्रेन) पर सही और सटीकता से काम करते हैं. पश्चिमी यूक्रेन के खिलाफ मैंने दो साइबरट्रकों को M2 Browning Machine Guns से लैस करके यूक्रेन के खिलाफ जंग में भेजा है. जंग में ऐसी मोबिलिटी, कन्वीनियंस और मैन्यूवरेबिलिटी वाली गाड़ियों की भारी डिमांड है. यूक्रेन की जंग में उतरी साइबरट्रकों को कादिरोव ने हरे रंग से रंगवा दिया है.
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जानिए क्या है साइबरट्रक का खासियत...
ये एलन मस्क की कंपनी टेस्ला की बैटरी इलेक्ट्रिक पिक-अप ट्रक है. इसे 2019 में कॉन्सेप्ट कार के तौर पर उतारा गया था. एक बार चार्ज करने पर यह 400 से 545 किलोमीटर जाती है. रेंज एक्सटेंडर लगा दिया जाए तो इसकी रेंज बढ़कर 710 से 755 किलोमीटर तक हो जाती है. इसमें 123 kWh लिथियन आयन बैटरियां लगी हैं.
इसका व्हीलबेस 143.11 इंच हैं. यानी किसी भी टरेन पर चलने के हिसाब से परफेक्ट. 18.63 फीट लंबी इस ट्रक का वजन 3020 से 3130 किलोग्राम तक होता है. चौड़ाई 6.66 फीट और ऊंचाई 5.89 फीट है. यह ट्रक अधिकतम 180 से 210 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकती है. किसी भी तरह की जगह पर इसकी गति कम नहीं होती.
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अब जानते हैं M2 Browning Machine Gun की ताकत...
1993 से अब तक दुनिया के कई देशों में हो रहा है उपयोग. भारत में एम2एचबी (M2HB) वैरिएंट का उपयोग होता है. यानी एम2 हैवी बैरल का यूज किया जा रहा है. इसका वजन 38 किलोग्राम होता है. लंबाई 65.1 इंच होती है. इसी मशीन गन का दूसरा वैरिएंट ब्राउनिंग M1919 का उपयोग KGF2 फिल्म में किया गया है.
एम2 ब्राउनिंग मशीन गन के बैरल की लंबाई 45 इंच है. इसमें .50 बीएमजी कार्टिरेज लगती है. जो 450 से 600 राउंड प्रति मिनट फायर करती है. गोली 890 मीटर प्रति सेकेंड की गति से दुश्मन की ओर बढ़ती है. इसकी रेंज बहुत खतरनाक है. यह 1.8 किलोमीटर से लेकर 7.4 किलोमीटर तक फायर कर सकती है. इसमें बेल्ट से गोलियां लगाई जाती हैं.