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क्या ताइवान पर कब्जा कर सकता है चीन? जानें दोनों की मिलिट्री पावर और इलाके में कितनी है अमेरिकी रक्षा तैनाती

अमेरिका के एक बड़े जनरल ने कहा है कि 2023 में ताइवान के आसपास चीन की मिलिट्री ड्रिल इस द्वीप पर कब्जा करने की प्रैक्टिस थी. जो इस बार फिर हो रहा है. ताइवान पर चीन कब्जा जरूर करेगा. लेकिन कब ये अभी कह पाना मुश्किल है. दोनों देशों में जंग के हालात बनते हैं तो कौन पड़ेगा भारी... जानिए दोनों की मिलिट्री पावर.

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पूर्वी चीन के नानजिंग से चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के पूर्वी थिएटर कमांड द्वारा ताइवान द्वीप के आसपास युद्ध तत्परता गश्त और सैन्य अभ्यास के दौरान एक लड़ाकू विमान उड़ान भरता. (फोटोः एपी)
पूर्वी चीन के नानजिंग से चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के पूर्वी थिएटर कमांड द्वारा ताइवान द्वीप के आसपास युद्ध तत्परता गश्त और सैन्य अभ्यास के दौरान एक लड़ाकू विमान उड़ान भरता. (फोटोः एपी)

अमेरिका के इंडो-पैसिफिक कमांड के डिप्टी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल स्टीफन स्क्लेंका ने कहा कि चीन फिर से ताइवान के पास जो युद्धाभ्यास कर रहा है, वो उस पर कब्जा करने की प्रैक्टिस है. पिछले साल भी चीन ने इसी तरह से मिलिट्री ड्रिल को अंजाम दिया था. ताइवान के हवाई इलाके में घुसपैठ की कोशिश की थी. 

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स्टीफन ने कहा कि चीन ने पिछले साल एफिंबियस असॉल्ट और काउंटर इंटरवेंशन ऑपरेशंस को पूरा किया था. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी लगातार ताइवान के आसपास मिलिट्री घुसपैठ की प्रैक्टिस करती रहती है. चीन ने एक बार फिर Joint Sword-2024A एक्सरसाइज को शुरू किया है. 

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यहां देखिए युद्दभ्यास का Video

अगर चीन और ताइवान के बीच जंग होती है, तो चीन की तुलना में ताइवान की मिलिट्री ताकत कुछ भी नहीं है. लेकिन हौसला और हिम्मत कम नहीं है. चाहे फाइटर जेट्स के घुसपैठ का जवाब देना हो या फिर समुद्री सीमा से चीनी युद्धपोतों या जहाजों को भगाना हो. ताइवान की हिम्मत कम नहीं होती. 

ताइवान के सपोर्टर अमेरिका के कितने सैनिक हैं वहां

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ताइवान में अमेरिकी स्पेशल फोर्सेस के 200 सैनिक हैं, जो ताइवान के सैनिकों को मिलिट्री ट्रेनिंग देते हैं. साल 2022 में यहां पर सिर्फ 30 अमेरिकी कमांडो थे. इन अमेरिका कमांडो की तैनाती ताइवान के एक द्वीप पर है, जिसका मुंह चीन की तरफ है. यह द्वीप दक्षिण-पूर्व चीन के तट के पास है. 

इसके अलावा ताइवान के ऊपर इंटरनेशनल एयरस्पेस में अमेरिकी नौसेना का जासूसी विमान P-8A पोसाइडन हमेशा उड़ान भरता रहता है. अमेरिका के इन सैनिकों को ग्रीन बैरेट्स बुलाते है. यहां पर अमेरिकी ब्लैक हॉर्नेट नैनो ड्रोन भी है. जो ट्रेनिंग के लिए रखा गया है. 

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आइए समझते हैं कि दोनों देशों की मिलिट्री ताकत...  

चीन के पास ताइवान से छह गुना ज्यादा फाइट जेट्स

चीन के पास पैरा-मिलिट्री फोर्स में 6.24 लाख लोग हैं. ताइवान की पैरामिलिट्री फोर्स में सिर्फ 11,500 जवान हैं. चीन के मिलिट्री के पास कुल मिलाकर 3285 एयरक्राफ्ट हैं. जबकि, ताइवान के पास सिर्फ 741 एयरक्राफ्ट्स हैं. चीन के पास लड़ाकू विमानों की संख्या 1200 है, जबकि ताइवान के पास कुल मिलाकर 288 फाइटर जेट्स ही हैं. चीन के पास परिवहन के लिए 286 विमान हैं, जबकि ताइवान के पास सिर्फ 19 परिवहन यानी कार्गो प्लेन हैं. 

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ताइवान के पास 4 तो चीन के पास 79 पनडुब्बियां

चीन के पास 3160 मोबाइल रॉकेट प्रोजेक्टर्स हैं, वहीं ताइवान के पास 115 प्रोजेक्टर्स. चीन के पास 777 नौसैनिक फ्लीट्स हैं, जबकि ताइवान के पास 117. चीन के पास दो विमानवाहक युद्धपोत हैं. जबकि ताइवान के पास एक भी नहीं है. चीन के पास 79 पनडुब्बियां हैं, जबकि ताइवान के पास 4 ही पनडुब्बियां मौजूद हैं. चीन के पास 41 विध्वंसक हैं, वहीं ताइवान के पास सिर्फ 4. चीन के पास 49 और ताइवान के पास 22 फ्रिगेट्स हैं. 

आर्टिलरी और बख्तरबंद गाड़ियों में भी चीन आगे

चीन के पास 912 हेलिकॉप्टर्स में से 281 अटैक हेलिकॉप्टर्स हैं. जबकि ताइवान के पास सिर्फ 91 अटैक हेलिकॉप्टर्स. चीन के पास 5250 टैंक हैं, जबकि ताइवान के पास सिर्फ 1110 टैंक्स हैं. चीन की मिलिट्री के पास 35 हजार बख्तरबंद वाहन हैं, जबकि ताइवान के पास 3471 बख्तरबंद गाड़ियां मौजूद हैं. चीन के पास 4120 सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी है, जबकि ताइवान के पास सिर्फ 257 सेल्फ प्रोपेल्ड तोपें हैं. चीन के पास खींचकर ले जाने वाली 1734 और ताइवान के पास 1410 तोपें हैं. 

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हेलिकॉप्टर और स्पेशल मिशनों में ताइवान बहुत पीछे

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कई बार युद्ध में ट्रेनर विमानों को भी शामिल कर लिया जाता है. अगर इमरजेंसी है तो. चीन के पास 399 ट्रेनर विमान हैं, जबकि ताइवान के पास 207 ट्रेनिंग वाले जेट्स हैं. चीन की मिलिट्री ने आजतक 114 स्पेशल मिशन किए हैं, जबकि ताइवान ने सिर्फ 19 स्पेशल मिशन. चीन के पास 912 हेलिकॉप्टर हैं, वहीं ताइवान के पास 208. यानी इन मामलों में भी ताइवान चीन के आगे कहीं नहीं टिकता. 

रिजर्व सैनिकों के मामले में ताइवान चीन से बहुत आगे

फिर सवाल ये उठता है कि अगर दोनों देशों में युद्ध हो तो कितने लोग सेना में भर्ती हो पाएंगे. चीन की कुल मैनपावर में से 61.92 करोड़ से ज्यादा लोग सैन्य सेवा में शामिल हो सकते हैं. जबकि, ताइवान के मैनपावर में से 10 लाख लोग ही सेना में शामिल हो सकते हैं. चीन की मिलिट्री में फिलहाल 20 लाख एक्टिव सैनिक हैं. जबकि, ताइवान की मिलिट्री में 1.70 लाख एक्टिव सैनिक. चीन के पास 5.10 रिजर्व और ताइवान के पास 15 लाख रिजर्व हैं. यानी ताइवान की रिजर्व सेना ज्यादा है. ताइवान रिजर्व सेना के मामले में नंबर एक रैंकिंग पर है, जबकि चीन छठें नंबर पर. 

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चीन के पास 507 और ताइवान के पास 37 एयरपोर्ट्स

चीन के पास 70 और ताइवान के पास 2 कॉर्वेट्स हैं. चीन के पास 152 पेट्रोल वेसल और ताइवान के पास 43 ही हैं. चीन के पास 36 माइन वॉरफेयर और ताइवान के पास 14 ही हैं. चीन के पास युद्ध के समय में उपयोग में लाने के लिए 507 एयरपोर्ट्स हैं, जबकि ताइवान के पास सिर्फ 37. चीन के पास 22 बंदरगाह और टर्मिनल्स हैं, जबकि ताइवान के पास सिर्फ छह. चीन की तुलना में ताइवान का क्षेत्रफल भी बहुत कम है. चीन का क्षेत्रफल 95.96 लाख वर्ग किलोमीटर है. जबकि ताइवान का सिर्फ 35,980 वर्ग किलोमीटर. 

चीन आबादी में नंबर एक पर, ताइवान 57वें स्थान पर

जब दो देशों के बीच सैन्य ताकत की तुलना की जाती है. तब पहले यह देखा जाता है कि दोनों देशों की आबादी कितनी है. ग्लोबलफायरपावर डॉट कॉम के मुबातिक चीन आबादी में दुनिया में नंबर एक है. 139 करोड़ से ज्यादा लोग इस विशालकाय देश में रहते हैं. ताइवान आबादी के मामले में दुनिया में 57वें रैंक पर आता है. यहां कि कुल आबादी 2.35 करोड़ से ज्यादा है. मतलब चीन की आबादी के सामने कुछ भी नहीं है ताइवान की आबादी. बात सिर्फ आबादी की नहीं होती, उसमें देखा जाता है मौजूदा मैनपावर. चीन के पास है 75.48 करोड़ मैनपावर. ताइवान के पास है 1.22 करोड़ मैनपावर.

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