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अग्नि-3, अग्नि-4 और K4... मिसाइलों को लेकर DRDO का बड़ा प्लान, चीन-PAK की बढ़ेगी टेंशन

DRDO 11 से 16 मार्च के बीच बंगाल की खाड़ी में लंबी दूरी की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर सकता है. खाड़ी में 3500 km में नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है. आइए जानते हैं कि किस परमाणु मिसाइल की टेस्टिंग हो सकती है.

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11 से 16 मार्च के बीच बंगाल की खाड़ी में लंबी दूरी की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया जा सकता है.
11 से 16 मार्च के बीच बंगाल की खाड़ी में लंबी दूरी की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया जा सकता है.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) 11 से 16 मार्च के बीच बंगाल की खाड़ी में लंबी दूरी की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर सकता है. बंगाल की खाड़ी में 3500 km की रेंज में नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है. संभावना है कि इस टेस्टिंग में तीन मिसाइलों में से किसी एक का, दो का या तीनों का परीक्षण किया जाए. ये मिसाइलें हैं- अग्नि-3, अग्नि-4 और सबमरीन से लॉन्च होने वाली के4. 

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आइए जानते हैं इन मिसाइलों की ताकत... 

Agni-3 Missile

Agni-3 इंटरमीडिएट-रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. हालांकि, पारंपरिक और थर्मोबेरिक हथियारों से भी हमला कर सकती है. इसमें एक साथ कई टारगेट पर हमला करने वाली तकनीक MIRV जैसी टेक्नोलॉजी है. 

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Agni-3 मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत उसकी गति है. इस मिसाइल की रेंज 3 से 5 हजार km है. यानी हथियार का वजन कम या ज्यादा करके रेंज को बढ़ाया या कम किया जा सकता है. 3 से 5 हजार किलोमीटर की रेंज यानी चीन का बहुत बड़ा हिस्सा, पूरा पाकिस्तान, पूरा अफगानिस्तान, हॉर्न ऑफ अफ्रीका, अरब देश, इंडोनेशिया, म्यांमार जैसे कई देश इसकी जद में हैं.

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DRDO Ballistic Missile Test

Agni-3 मिसाइल की गति मैक 15 है. यानी 18,522 km/hr. ये डरावनी गति है. यानी 5 से 6 किलोमीटर प्रति सेकेंड की स्पीड. इस गति में उड़ने वाली मिसाइल दुश्मन को सांस लेने या पलक झपकाने तक का मौका नहीं देती. 17 मीटर लंबी इस मिसाइल का वजन 50 हजार किलोग्राम है. कहते हैं कि एक अग्नि-3 मिसाइल बनाने में 25 से 35 करोड़ रुपये की लागत आती है. इसे 8x8 ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से छोड़ा जाता है. 

कुछ ही मिनटों में बीजिंग और इस्लामाबाद हो जाएंगे तबाह

चीन की राजधानी बीजिंग की दिल्ली से हवाई दूरी 3791 किलोमीटर है. अग्नि-3 मिसाइल 5-6 किलोमीटर प्रति सेकेंड की स्पीड से चलती है. उस हिसाब से बीजिंग की दूरी 12.63 मिनट में पूरी हो जाएगी. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की हवाई दूरी 679 किलोमीटर है. यहां तो अग्नि-3 मिसाइल मात्र ढाई मिनट में तबाही मचा देगी. 

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450 KM की ऊंचाई तक जाने की क्षमता

अग्नि-3 मिसाइल अपने टारगेट से अगर 40 मीटर यानी 130 फीट दूर भी गिरती है, तो तबाही 100 फीसदी पक्की है. इसे सर्कुलर एरर प्रोबेबल (CEP) कहते हैं. यह मिसाइल आसमान में अधिकतम 450 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. यानी दुश्मन के सैटेलाइट्स को मारने की क्षमता भी इसमें है. अगर सैटेलाइट को टारगेट बनाया जाए तो.

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उड़ान के बीच बदल सकती है अपना रास्ता 

Agni-3 मिसाइल में रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम लगा है. यानी यह मिसाइल उड़ते समय बीच में रास्ता बदल सकती है. उड़ते समय ही यह इंफ्रारेड होमिंग, राडार सीन कोरिलेशन और एक्टवि राडार होमिंग की मदद से दुश्मन पर हमला करती है. यानी दुश्मन कितना भी भागने की कोशिश करे, उसकी मौत पक्की है. इस मिसाइल का पहला टेस्ट 9 जुलाई 2006 को हुआ था. लेकिन वह असफल था. मिसाइल टारगेट से पहले गिर गई थी. 

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2490 KG वजनी हथियार लगा सकते हैं

अग्नि-3 मिसाइल को सुधारा गया. इसके बाद 2007 में फिर परीक्षण किया गया. टारगेट की धज्जियां उड़ा दी गईं. अग्नि-3 मिसाइल भारत की मिसाइलों में सबसे भरोसेमंद, ताकतवर और तेज गति की मिसाइल है. इसमें आप परमाणु बम भी लगा सकते हैं. आग उगलने वाले थर्मोबेरिक हथियार भी लगा सकते हैं. साल 2010 में इसका फिर परीक्षण किया गया था. तब  भी इसने टारगेट पर सटीकता के साथ हमला किया था. इस मिसाइल पर 2490 किलोग्राम वजनी हथियार तैनात किया जा सकता है. साल 2013, 2015, 2017 में भी इसके सफल परीक्षण हो चुके हैं. 

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Agni-4 Missile

इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) अग्नि-4 भारत के स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड की अग्नि मिसाइल सीरीज की चौथी खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइल है. यह अपने रेंज की दुनिया की अन्य मिसाइलों की तुलना में हल्की है. इसका वजन 17 हजार kg है. इसकी लंबाई 66 फीट है. इसमें तीन तरह के हथियार ले जाए जा सकते हैं. जिनमें- पारंपरिक, थर्मोबेरिक और स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन शामिल हैं. 

DRDO Ballistic Missile Test

अग्नि-4 मिसाइल की एक्टिव रेंज 3500 से 4000 km है. यह अधिकतम 900 km की ऊंचाई तक सीधी उड़ान भर सकती है. इसे 8x8 ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर या फिर रेल मोबाइल लॉन्चर से दागा जाता है. इसका नेविगेशन डिजिटली नियंत्रित किया जा सकता है. इसका एवियोनिक्स सिस्टम इतना भरोसेमंद है कि आप इसे दुश्मन की तरफ बेहद सटीकता से दाग सकते हैं. 

अग्नि-4 मिसाइल में एक टन का हथियार लोड किया जा सकता है. यह मिसाइल 3000 डिग्री सेल्सियस का तापमान सहते हुए वायुमंडल के अंदर प्रवेश कर सकती है. यानी इसका उपयोग भविष्य में अंतरिक्ष में हमला करने के लिए भी किया जा सकता है. 

सबमरीन से लॉन्च होने वाली K4 मिसाइल

भारतीय नौसेना आजकल सबमरीन से लॉन्च होने वाली जिन मिसाइलों के परीक्षण कर रही है, उनकी फैमिली का नाम है K family of Missiles. यहां पर K मतलब है कलाम (Kalam). इन मिसाइलों को इसलिए विकसित किया गया है कि अगर जरुरत पड़े तो भारत दुश्मन पर सेकेंड स्ट्राइक कर सके.  

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K-Missiles को उनके जमीनी वर्जन यानी अग्नि मिसाइल से हल्की, तेज और ज्यादा घातक मानी जाती है. ये परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम होती हैं. इसमें दो तरह की मिसाइलें हैं. पहली K15 मिसाइल. ये साल 2017 से भारतीय नौसेना में शामिल है. 

DRDO Ballistic Missile Test

दूसरी है K4 जिसके ट्रायल्स चल रहे हैं. यह इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. इसका वजन 17 टन है. 12 मीटर लंबी यह मिसाइल परमाणु हथियार लेकर दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 3500 किलोमीटर है. यह बीच रास्ते में ही अपने दिशा बदलकर दुश्मन को खत्म कर सकती है. इसकी गति के बारे में खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन इसके टक्कर की कोई मिसाइल पाकिस्तान के पास नहीं है. 

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