इजरायल और हमास की जंग के बीच अमेरिका के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा हुई हैं. सीरिया से लेकर इराक और अब जॉर्डन में भी अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए हैं. जॉर्डन में हालिया ड्रोन हमले में अमेरिकी सेना के तीन जवान मारे गए हैं. गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से ऐसा पहली बार है जब कोई अमेरिकी सैनिक मिडिल ईस्ट में मारा गया है.
जॉर्डन में जिस क्षेत्र में यूएस आउटपोस्ट पर हमले हुए हैं उसकी सीमा सीरिया से लगती है. सीमाई क्षेत्र में टावर-22 पर ड्रोन अटैक हुआ है, जिसमें अमेरिकी सैनिक मारे गए. अधिकारियों का दावा है कि ड्रोन हमले को ईरान समर्थित हथियारबंद समूह ने अंजाम दिया है और हमला सीरिया से किया गया था. उत्तर-पूर्वी जॉर्डन में किए गए हमले में तीन सैनिकों के मारे जाने के अलावा कम से कम 25 कर्मी घायल हुए हैं. एयरबेस को भी बड़ा नुकसान हुआ है.
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इराक-सीरिया से ईरान के समर्थक करते हैं हमले!
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी जॉर्डन स्थित आउटपोस्ट पर हमले से आगबबूला हैं. उन्होंने कहा है कि जिसने भी इस हमले को अंजाम दिया है उसे बख्शा नहीं जाएगा. राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि एक बात तो स्पष्ट है कि इस हमले को सीरिया और इराक से संचालित होने वाले ईरान समर्थित चरमपंथी समूहों ने अंजाम दिया है.
अमेरिकी ठिकानों पर युद्ध के बाद से 158 अटैक
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी और सहयोगी देशों के सैन्य बेस पर इराक-सीरिया में कमोबेश 158 हमले किए गए हैं. इन हमलों में मिसाइल, रॉकेट्स और ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया है. हमले में बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिक घायल भी हुए हैं और सैन्य ठिकानों को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा है.
जॉर्डन में पहली बार अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर अटैक
अमेरिका ने भी इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया है कि आखिर सैन्य बेस पर तैनात एयर डिफेंस सिस्टम ड्रोन को रोकने में कैसे विफल हो गया. ऐसा पहली बार है जब जॉर्डन में अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हमला किया गया है. 17 अक्टूबर से अमेरिका और सहयोगी सेना ईरान समर्थित समूहों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं.
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हिज्बुल्लाह और हूती अमेरिका के लिए सिरदर्दी
अमेरिकी सेना एडवाइज-एंड-एसिस्ट मिशन पर जॉर्डन में है. अमेरिका भी लगातार कह रहा है कि वह मिडिल ईस्ट में विवाद को बढ़ाना नहीं चाहता. हालांकि, लेबनान से हिजबुल्लाह और यमन से हूती इजरायल और अमेरिकी सेना के खिलाफ ईरान की तरफ से मोर्चा संभाले हुए हैं. हूती आए दिन लाल सागर में मिसाइलें दागता है, जिससे ना अमेरिका और ना ही इजरायल का कोई नुकसान होता है, बल्कि बाकी देशों का ट्रेड प्रभावित होता है.