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1643 km लंबी म्यांमार बॉर्डर पर होगी फेंसिंग, देश की सीमाएं बनेंगी और अभेद्य

भारत की सीमाओं को अभेद्य बनाने की तैयारी चल रही है. 1643 km लंबी भारत-म्यांमार पर बाड़ लगने वाला है. यह बात खुद गृहमंत्री अमित शाह ने बताई है. इसके साथ एक पेट्रोलिंग ट्रैक भी बनाया जाएगा. 10 km की बाड़ मणिपुर के मोरेह में लग चुकी है.

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने म्यांमार की पूरी सीमा पर फेंसिंग को लेकर कहा कि हम इसे अभेद्य बना देंगे.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने म्यांमार की पूरी सीमा पर फेंसिंग को लेकर कहा कि हम इसे अभेद्य बना देंगे.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा सरकार देश की सीमाओं की किलेबंदी करने जा रही है. उन्हें अभेद्य बना रही है. इस पर लगातार काम जारी रहेगा. एक्स (पुराना ट्विटर) प्लेटफॉर्म पर अमित शाह ने इसकी जानकारी लोगों से शेयर की. बताया कि भारत-म्यांमार सीमा पर कुल 1643 किलोमीटर लंबी फेंसिंग होगी. 

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इस फेंसिंग के साथ एक लंबी पेट्रोलिंग ट्रैक को बनाया जाएगा, ताकि सीमा पर तैनात सुरक्षाबल इसकी सुरक्षा सही से कर सकें. निगरानी कर सकें. कुल सीमा में से मणिपुर के मोरेह में 10 किलोमीटर के हिस्से में बाड़ लगाई जा चुकी है.  Hybrid Surveillance System (HSS) से बाड़ लगाने के लिए 2 पायलट प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.

Myanmar Border Fencing

इन प्रोजेक्ट्स के तहत अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में से प्रत्येक में 1 km सीमा पर बाड़ लगेगी. मणिपुर में लगभग 20 km लंबी सीमा पर बाड़ लगाने को भी मंज़ूरी मिल चुकी है. इस पर काम जल्द शुरू हो जाएगा. लेकिन इससे सवाल ये उठता है कि क्या सरकार छह साल पुराने मुक्त आवाजाही समझौते को खत्म कर देगी. 

पुराना समझौता रहेगा लागू या नहीं? 

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इस समझौते के तहत भारत-म्यांमार सीमा के आसपास के निवासियों को बिना वीज़ा के एक-दूसरे की सीमा में 16 किलोमीटर तक की यात्रा की इजाजत थी. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि पहाड़ी इलाके में ऐसी फेंसिंग करना लगभग असंभव है. इससे संतुलन बनाने में दिक्कत भी आ सकती है. 

कहां-कहां करनी पड़ेगी बाड़ेबंदी? 

भारत सरकार के पूर्वोत्तर राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम में बाड़ लगानी होगी. 2021 में म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद भारत के लिए दिक्कत बढ़ी है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इस संघर्ष की वजह से म्यांमार से करीब 20 लाख लोग विस्थापित हुए हैं. 

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