scorecardresearch
 

हूती विद्रोहियों पर अमेरिका ने B-2 न्यूक्लियर स्टेल्थ बॉम्बर से गिराए बम, हथियार डिपो किया तबाह

मिडिल-ईस्ट में कई सालों बाद पहली बार अमेरिका ने अपना सबसे खतरनाक हथियार उतार दिया. अमेरिका ने B-2 Bomber से यमन के हूती विद्रोहियों के अड्डे पर हमला किया. उनके हथियार डिपो को बर्बाद कर दिया. हमला 16 अक्टूबर 2024 को किया गया. इस हमले से मिडिल-ईस्ट में तनाव बढ़ने की आशंका है.

Advertisement
X
ये है अमेरिका का सबसे महंगा और खतरनाक न्यूक्लियर बमवर्षक B-2 Spirit. (फोटोः रॉयटर्स)
ये है अमेरिका का सबसे महंगा और खतरनाक न्यूक्लियर बमवर्षक B-2 Spirit. (फोटोः रॉयटर्स)

अमेरिका ने कई साल के बाद अपने न्यूक्लियर स्टेल्थ बॉम्बर B-2 Spirit का इस्तेमाल किया है. यह अमेरिका का सबसे महंगा हथियार भी है. अमेरिका ने यमन में मौजूद हूती विद्रोहियों के हथियार डिपो पर बमबारी करके उसे बर्बाद कर दिया. ये हथियार डिपो जमीन के अंदर कॉन्क्रीट के बंकरों में थे. जिन्हें बमबारी से तबाह किया गया. 

Advertisement

हूती विद्रोही इन हथियारों के बल पर लाल सागर, बाब अल-मानदेब खाड़ी और अदन की खाड़ी में इंटरनेशनल जहाजों पर मिसाइल, रॉकेट और ड्रोन हमले करते थे. अमेरिका के इस हमले का मकसद है हूती विद्रोहियों को कमजोर करना ताकि इंटरनेशनल समुद्री रास्तों को इनकी वजह से कोई खतरा पैदा न हो. 

यह भी पढ़ें: Israel Under Attack: हूती विद्रोहियों ने दिखाया नई हाइपरसोनिक मिसाइल Palestine-2 का Video, इसी से हुआ था इजरायल पर हमला

मिडिल-ईस्ट में इस समय जंग चल रही है. इजरायल एकसाथ कई फ्रंट पर युद्ध लड़ रहा है. हमास, हिज्बुल्लाह, ईरान और हूती. ये सब मिलकर हमला कर रहे हैं. ऐसे में अमेरिका के इस हमले से इन सभी पर दबाव बनेगा कि वो इजरायल पर एक्शन से पहले सोच-विचार करें. उधर इजरायल भी लगातार हिज्बुल्लाह के ठिकानों को बर्बाद कर रहा है. 

Advertisement

ये स्टेल्थ बॉम्बर कहां से आया होगा? 

अमेरिका ने हाल ही में अपने सबसे घातक न्यूक्लियर स्टेल्थ बॉम्बर की तैनाती हिंद महासागर में मौजूद सीक्रेट मिलिट्री बेस डिएगो गार्सिया पर की थी. इस द्वीप से इजरायल की दूरी 5842 और ईरान की दूरी 4842 km है. लेकिन यह बमवर्षक चाहे तो दोनों जगहों पर पहुंच कर जंग का रुख बदल सकता है. 

यह भी पढ़ें: लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों पर इजरायली हमला... UNIFIL में शामिल हैं 900 भारतीय सैनिक

US Air Strike, B-2 Nuclear Stealth Bomber, Houthi, Yemen

अमेरिका ने इसके अलावा अपनी नौसेना के 30% युद्धपोतों को मिडिल-ईस्ट में तैनात कर रखा है. अगर यमन की बात करें तो यह 3659 किलोमीटर है. यानी तीन घंटे में यह वहां पहुंच गया होगा. इस बमवर्षक की रेंज करीब 11 हजार किलोमीटर है. बी-2 न्यूक्लियर स्टेल्थ बॉम्बर को दो लोग उड़ाते हैं. एक पायलट, दूसरा मिशन कमांडर. 

इस बॉम्बर की ताकत और खासियतें

69 फीट लंबे इस बमवर्षक के पंखों की लंबाई 172 फीट है. 17 फीट ऊंचे बमवर्षक का खाली वजन 71,700 kg होता है. जबकि पूरे हथियारों के साथ यह 1.70 लाख kg वजन लेकर टेकऑफ कर सकता है. अधिकतम गति 1010 km/hr है. आमतौर पर यह 900 km/hr की रफ्तार से उड़ता है. यह आसमान में अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है.  

Advertisement

यह भी पढ़ें: इजरायल की ओर जा रही थी यमन की हाइपरसोनिक मिसाइल, फिर...

US Air Strike, B-2 Nuclear Stealth Bomber, Houthi, Yemen

80 छोटे बम या 16 परमाणु बम रखने की क्षमता 

इस बमवर्षक में दो इंटरनल बे हैं. यानी इसके पेट के अंदर बम रखे जाते हैं. टारगेट पर पहुंचने से पहले इंटरनल बे का दरवाजा खुलता है. उसमें से बम गिरते हैं. इस बमवर्षक के अंदर 230 किलोग्राम वजन के एमके-82 और जीबीयू-38 बमों को बॉम्ब रैक असेंबली में रखा जाता है. ऐसे करीब 80 बम रखे जा सकते हैं. 

या 340 किलोग्राम के 36 सीबीयू क्लास बम को लगाया जा सकता है. इसके अलावा इसके रोटरी लॉन्चर असेंबली है, जिसमें 910 किलोग्राम के 16 बम लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा 16 B61 या B83 न्यूक्लियर बम लगाए जा सकते हैं. 

यह भी पढ़ें: क्या Iran ने सच में किया परमाणु परीक्षण... या भूकंप आया, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

US Air Strike, B-2 Nuclear Stealth Bomber, Houthi, Yemen

भयानक तबाही के लिए JASSM मिसाइल या MOP बम लगाए जाते हैं

अमेरिकी सेना इसमें AGM-154 ज्वाइंट स्टैंडऑफ वेपन और AGM-158 ज्वाइंट एयर टू सरफेस स्टैंडऑफ मिसाइल भी तैनात करती है. इसके अलावा इसमें दो जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम लगाए जा सकते हैं. ये बड़े पैमाने पर तबाही मचाने वाले हथियार हैं. 

Live TV

Advertisement
Advertisement