सीरिया के अलेप्पो में विद्रोहियों का कब्जा हो गया है. अब वो हामा की ओर बढ़ रहे है. सीरिया की सेना फिलहाल अस्थाई रूप से इन दोनों इलाकों से हट गई है. ताकि दोबारा हमला करके इलाके पर कब्जा कर सकें. लेकिन अचानक ये कौन से विद्रोही सीरिया में आ गए. जिन्होंने मिडिल-ईस्ट में नया संकट खड़ा कर दिया है.
इन विद्रोहियों को अलेप्पो के सेंट्रल स्क्वायर, सिटाडेल, एयरपोर्ट समेत कई स्थानों पर देखा गया है. दूसरी तरफ सीरियाई सेना के पीछे जाने की वजह से मौके का फायदा उठाकर कुर्दिश मिलिशिया समूह YPG ने अलेप्पो के बाहरी इलाकों में कब्जा जमा लिया है. बशर-अल असद की सरकार के पास अलेप्पो का एक ही हिस्सा बचा है.
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कौन है ये विद्रोही, जो पहले कर चुके हैं अलकायदा के साथ काम?
हयात तहरीर अल-शाम (HTS)... अल-नुशरा फ्रंट का बदला हुआ नाम. ऐसा आतंकी संगठन जिसने अलकायदा, मुजाहिद्दीन शूरा काउंसिल और आर्मी ऑफ कॉन्क्वेस्ट के साथ काम किया है. कहा जाता है कि ये सुन्नी इस्लाम को आगे बढ़ाने के लिए जंग लड़ रहे हैं. इनके संगठन में करीब 10 हजार लड़ाके हैं.
रूस कर रहा विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला, असद की कर रहे मदद
रूसी एयरफोर्स ने सीरियाई सरकार और सेना की मदद के लिए HTS के अड्डों पर एयरस्ट्राइक की थी. ये अड्डे ग्रामीण इदलिब और हामा में थे. इसके पहले HTS ने कहा था कि उसने हामा के बाहरी इलाकों पर कब्जा कर लिया है. इससे पहले साल 2016 में रूस ने अलेप्पो में हमला किया था. तब रूस ने असद की मदद करके सरकार बनाने में मदद की थी. साथ ही अलेप्पो पर कब्जा करने में असद सेना की मदद की थी.
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अमेरिका ने स्पष्ट किया- हमारा विद्रोहियों से कोई लेना-देना नहीं
अमेरिका का कहना है कि उसका इन विद्रोहियों के साथ कोई लेना-देना नहीं है. असद का रूस के प्रति जो झुकाव है, उसकी वजह से ये विद्रोही फिर से उठ खड़े हुए हैं. अमेरिका HTS को आतंकी संगठन मानता है. सीरियाई सेना के दर्जनों सैनिकों को HTS विद्रोहियों ने मार डाला है. इसलिए सेना फिलहाल पीछे चली गई है.
विद्रोहियों पर फिर से हमला करके अपने इलाकों को कब्जे में लेने के लिए फिर से तैयारी कर रही है. उधर, सिविल डिफेंस ग्रुप व्हाइट हेलमेट ने दावा किया है कि 10 बच्चों समेत 31 आम नागरिक सीरियाई सेना के हमले में मारे गए हैं. जबकि, 113 अन्य जख्मी हुए हैं.