भारत ने आर्मेनिया को Pinaka Rocket System की पहली खेप भेज दी है. भारतीय स्वदेशी रक्षा उद्योग के लिए यह बेहद बड़ा मौका है. जब देश में बने किसी हथियार प्रणाली को दूसरा देश खरीद रहा है. इस रॉकेट सिस्टम को डीआरडीओ, लार्सेन एंड टुर्बो और टाटा एडवांस सिस्टम ने मिलकर बनाया है.
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पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट प्रणाली का सटीक हमला करने वाला संस्करण पूरी तरह से स्वदेशी हथियार प्रणाली है. इस रॉकेट का नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है. पिनाका रॉकेट सिस्टम 44 सेकेंड में 12 रॉकेट लॉन्च करती है. यानी करीब हर 4 सेकेंड में एक रॉकेट छूटता है.
214 कैलिबर के इस लॉन्चर से एक के बाद एक 12 पिनाका रॉकेट दागे जाते हैं. यानी दुश्मन के ठिकाने को कब्रिस्तान में बदलने के लिए ये सबसे बेहतरीन हथियार है. रॉकेट लॉन्चर की रेंज 7 KM के नजदीकी टारगेट से लेकर 90 KM दूर बैठे दुश्मन को नेस्तानाबूत कर सकता है.
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रॉकेट लॉन्चर के तीन वैरिएंट्स हैं. MK-1 ये 45 KM, MK-2 लॉन्चर से 90 KM और MK-3 (निर्माणाधीन) लॉन्चर से 120 KM तक हमला कर सकते हैं. इस लॉन्चर की लंबाई 16 फीट 3 इंच से लेकर 23 फीट 7 इंच तक है. इसका व्यास 8.4 इंच है.
इस लॉन्चर से छोड़े जाने वाले पिनाका रॉकेट के ऊपर हाई एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन (HMX), क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लगाए जा सकते हैं. यह रॉकेट 100 KM तक के वजन के हथियार उठाने में सक्षम हैं. पिनाका रॉकेट की स्पीड 5757.70 KM/Hr है. यानी एक सेकेंड में 1.61 KM की गति से हमला करता है.