चीन की हरकतों से परेशान एक छोटे से देश ने उसे जवाब देने के लिए भारत से मदद ली. ये देश है फिलिपींस. इसने भारत के साथ 2022 में 3131 करोड़ रुपए की डील की थी. दो साल बाद भारत ने फिलिपींस को दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल सौंप दी है.
फिलिपींस आकार में भारत से 996% छोटा है. आबादी मात्र 11.46 करोड़ हैं. फिलिपींस ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइलें ले ली हैं. जल्द ही इनकी तैनाती भी ऐसी जगहों पर की जाएगी, जहां से चीन के हमलों का करारा जवाब दिया जा सके. ब्रह्मोस के मिलने के बाद फिलिपींस की सैन्य ताकत में कई गुना इजाफा हो गया है.
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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से क्या फायदा होगा...
ब्रह्मोस दुनिया की गिनी-चुनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है, जो कहीं से भी दाग सकते हैं. फिलिपींस को एंटी-शिप और लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें चाहिए. फिलहाल उसे लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें दी गई हैं. ब्रह्मोस की छह से ज्यादा वर्जन हैं. 1200 से 3000 किलो वजन तक की ये मिसाइलें 20 से 28 फीट लंबी होती हैं.
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यह मिसाइल 200 से 300 kg परमाणु या पारंपरिक हथियार ले जा सकती है. यह मिसाइल 15 km की ऊंचाई तक जा सकती है. 290 से लेकर 800 km तक की रेंज है. अच्छी बात ये है कि यह समंदर से कुछ फीट ऊपर उड़ान भरती है. इसलिए राडार पर दिखती नहीं है. स्पीड 3704 किलोमीटर प्रतिघंटा.
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फिलिपींस के चारों तरफ सिर्फ समंदर ही समंदर
फिलिपींस का कुल क्षेत्रफल 343,448 वर्ग km है. यह दक्षिणी चीन सागर में छोटे-छोटे 7641 द्वीपों का एक समूह है. दक्षिणी चीन सागर पश्चिम में है. फिलिपीन सागर पूर्व और सेलेबेस सागर दक्षिण में है. फिलिपींस अपनी समुद्री सीमा ताइवान, जापान, पलाऊ, इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम और चीन के साथ बांटता है. यह दुनिया का 12वां सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है.
टोमाहॉक से दोगुनी तेज, दुश्मन की नजर में नहीं आती ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही रास्ता बदलने में सक्षम है. चलते-फिरते टारगेट को भी बर्बाद कर देता है. यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार इसे देख ही नहीं पाएगा. यह किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा दे सकती है. इसको मार गिराना लगभग अंसभव है. ब्रह्मोस मिसाइल अमेरिका के टोमाहॉक मिसाइल से दोगुना तेज उड़ती है.