भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होने जा रहा है. भारत सरकार फ्रांस के साथ एक बड़े रक्षा डील करने की तैयारी में है. भारत फ्रांस से 63 हजार करोड़ रुपये में 26 राइफल-एम लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी में है. अगर यह डील फाइनलाइज हो जाती है तो यह वित्त वर्ष 2025-26 की सबसे अहम डील होने जा रही है. अभी फिलहाल डील लगभग तय माना जा रहा है.
फ्रांस-भारत के बीच राफेल-एम को लेकर डील
26 राइफल-एम (मरीन) लड़ाकू विमान भारत 63 हजार करोड़ रुपये में फ्रांस से खरीदने जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, फ्रांस से 26 राफेल एम लड़ाकू जेट खरीदने का प्रस्तावित डील इस महीने प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) से मंजूरी मिलने के बाद अंतिम रूप में पहुंचने की संभावना है.
यह डील सरकार से सरकार के स्तर पर की जाएगी. जिसमें नौसेना के लिए 22 सिंगल सीटर राफेल एम लड़ाकू विमान और 4 ट्विन सीटर लड़ाकू विमान शामिल है.
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2029 से मिलना शुरू होंगे राफेल-एम
डील पर मुहर लगने के बाद विमानों की डिलीवरी 2029 के अंत से शुरू होगी. 2031 तक भारत को पूरी खेप मिल जाएगी. इन राइफल-एम विमानों को INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर्स से ऑपरेट किए जाएंगे. दोनों नौसेना के जहाज अपने मिशनों को पुराने हो चुके मिग 29के लड़ाकू विमानों के साथ अंजाम देते हैं.
₹63,000 करोड़ की डील में मिलेगा कंप्लीट सपोर्ट पैकेज
फ्रांस और भारत के बीच यह डील न केवल विमान बल्कि एक व्यापक पैकेज भी कवर करता है. इस डील के तहत विमान का रखरखाव, ट्रेनिंग और ऑफसेट दायित्व शामिल है. नौसेना के कर्मचारियों को राफेल एम को संचालित और बनाए रखने के लिए ट्रेनिंग भी इस डील का हिस्सा है.
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तीन नई स्कॉर्पीन पनडुब्बियां के निर्माण की योजना
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) और फ्रांस की नेवल ग्रुप के साथ भारत प्रोजेक्ट-75 के तहत तीन और स्कॉर्पीन क्लास की पनडुब्बियों का निर्माण करने की तैयारी में है.
राफेल-एम की खासियतें
फ्रांस की राफेल-एम विमान वाहक से संचालन के लिए अनुकूलित है. यह कई प्रकार के मिसाइलों से लैस है. इसकी अधिकतम गति 2,222 किमी है और इसका कॉम्बैट रेंज 1,850 किमी से अधिक है. हवा में ईंधन भरने की सुविधा है. AESA रडार और स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस है.