भारतीय वायुसेना का AH-64 Apache Attack Helicopter चीन सीमा के पास लद्दाख के ऊंचे पहाड़ों पर चार महीने से फंसा है. इस साल 4 अप्रैल को अधिक ऊंचाई और दुरूह परिस्थितियों की वजह से इस हेलिकॉप्टर में कुछ तकनीकी गड़बड़ी हुई थी. इससे इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. दोनों पायलट सुरक्षित निकल आए थे.
हेलिकॉप्टर तब से खारदूंग ला पास के पास करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर फंसा है. इस पास की अधिकतम ऊंचाई 18,380 फीट है. बताया जा रहा है कि हेलिकॉप्टर ने पावर जेनरेट नहीं हो पा रहा था, जिसकी वजह से इसकी इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी. इस हेलिकॉप्टर को 'हवा का टैंक' कहा जाता है.
यह भी पढ़ें: सीमा पार कर पाकिस्तान में गिरा भारतीय ड्रोन, PAK आर्मी के कब्जे में टैक्टिकल UAV
इस साल अप्रैल के आसपास दो महीने में पूरी दुनिया में अपाचे हेलिकॉप्टर में गड़बड़ी को लेकर पांच घटनाएं हुई थीं. जिसमें से एक भारतीय वायुसेना झेल रही है. चार दशकों से यह हेलिकॉप्टर कई देशों में ऑपरेशनल है, लेकिन अब तकनीकी गड़बड़ियों से जूझ रहा है. जो हेलिकॉप्टर खारदूंग ला पास पर फंसा है, वो सियाचिन ग्लेशियर जा रहा था.
AH-64 Apache attack helicopter of the Indian Air Force (IAF) has been stranded in the high-altitude Ladakh region near the China border for four months.
— Clash Report (@clashreport) August 23, 2024
— The helicopter experienced a 'loss of power' due to undulating terrain and high altitude, resulting in damage during the… pic.twitter.com/GlZFYboWKi
इसे बचाने के दो तरीके हैं...
रूसी Mi-26 सुपर हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर से इसे उठाया जाए. लेकिन अब इन्हें ग्राउंडेड कर दिया गया है. अमेरिकी चिनूक हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर से इसे लटका कर बेस तक पहुंचाया जा सकता है. लेकिन लद्दाख का वातावरण और हिमालय की दुरूह भौगोलिक परिस्थितियां ये करने की अनुमति नहीं देती. क्योंकि इतनी ऊंचाई पर बेहद ताकतवर विमानों की इंजन और वजन उठाने की क्षमता कमजोर हो जाती है.
यह भी पढ़ें: रूस ने क्यों बनाई लकड़ी की पनडुब्बी... किसे बना रहा था बेवकूफ... सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ बड़ा खुलासा
दूसरा रास्ता ये है कि इस अपाचे हेलिकॉप्टर को, जहां वो फंसा है, वहीं पर डिस्मैंटल किया जाए. यानी वहीं खोलकर उसके पुर्जे नीचे बेस पर हेलिकॉप्टर के जरिए लाए जाएं. इसकी संभावना ज्यादा दिखती है. इसमें समय ज्यादा लगेगा लेकिन ये ज्यादा सुरक्षित है.
It has been 4 months since @IAF_MCC's @Boeing AH-64 Apache attack helicopter got stranded in the high-altitude #Ladakh region near the #China border.#IndianAirForce is struggling to get it back. https://t.co/hKTnT3qoVe
— EurAsian Times (@THEEURASIATIMES) August 21, 2024
IAF की घटना के 44 दिन पहले कई घटनाएं
इंडियन एयरफोर्स के अपाचे हेलिकॉप्टर के लद्दाख में फंसने से 44 दिन पहले अमेरिका में ऐसी चार घटनाएं हुईं. 12 फरवरी, 23 फरवरी. दोनों घटनाओं में पायलट मारे गए. 24 मार्च और 26 मार्च को इमरजेंसी लैंडिंग. 24 मार्च वाली घटना को वॉशिंगटन में ज्वाइंट बेस लेविस मैक्कॉर्ड में हुई. इसमें दोनों पायलट गंभीर रूप से जख्मी हो गए.