भारतीय सेना (Indian Army) के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स (Fire And Fury Corps) ने हिमशक्ति युद्धाभ्यास में अपनी फायरपावर का प्रदर्शन किया. जिसमें चीन से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर आर्टिलरी फायरिंग की गई. 14500 फीट की ऊंचाई पर जहां ऑक्सीजन कम हो जाता है, वहां सैनिकों की ताकत हिमालय से भी ज्यादा होती है. तापमान भले ही माइनस 35 डिग्री हो लेकिन हौसला 100 फीसदी प्लस रहता है.
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यहां देखिए इस अभ्यास का शानदार वीडियो
दुरूह परिस्थितियों में भी हमारे गनर्स ने अभ्यास के दौरान बेइंतहा दम, जज्बे और प्रोफेशनलिज्म को दिखाया. ये एक्सरसाइज उस समय की जा रही है, जब कुछ समय पहले ही भारत और चीन ने देपसांग के मैदानों और डेमचोक में डिसइंगेजमेंट एग्रीमेंट किए. इन इलाकों में बहुत समय से संघर्ष होता आ रहा था. जो अब रुक गया है.
इन दोनों इलाकों में पेट्रोलिंग शुरू हो चुकी है. दोनों देशों ने अपने सैनिकों को कम किया है. साथ ही सैन्य ढांचों को भी हटाया है. हिमशक्ति अभ्यास में फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने अपने तोपों से हिमालय की चोटियों पर निशाना साधकर बता दिया कि कारगिल जैसी जंग हो या छिपे हुए दुश्मन. किसी को भी हमारे बारूदी गोले छोड़ेंगे नहीं.
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साथ ही यह भी दिखाया गया कि हमारी सेना कितनी फ्यूचर रेडी है. किसी भी समय जंग के लिए एकदम तैयार है. ये ड्रिल इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि जल्द ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल चीन में महत्वपूर्ण स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव लेवल मीटिंग्स के लिए जा रहे हैं. वो वहां चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मिलेंगे.
डोभाल यी के साथ सीमा के संबंध में भी चर्चा करेंगे. गलवान में झड़प के बाद पहली बार स्पेशल रिप्रेंजेटेटिव लेवल मीटिंग हो रही है. फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स को टॉप गन गनर्स कहा जाता है. उन्होंने जो फायर पावर दिखाई है, उससे पता चलता है कि सर्दी के इस खतरनाक मौसम में भी वो हिमालय की गर्मी बढ़ा सकते हैं.