भारतीय वायुसेना (Indian Navy) के लिए दूसरे एयरक्राफ्ट कैरियर का संकेत नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने पिछले साल आजतक के एक कार्यक्रम में दिया था. उन्होंने कहा था कि दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत क्लास का ही होगा. यानी यह एक रिपीट ऑर्डर होगा. इसे बनने में कम समय लगेगा. अब उसे लेकर सरकार, सेना और उन कंपनियों में सहमति बन चुकी है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाए.
रक्षा एक्सपर्ट मानते हैं कि इसका बड़ा फायदा जापान को होगा. दूसरे स्वदेशी एयरक्राफ्टर कैरियर (Indigenous Aircraft Carrier - IAC II) से सिर्फ भारतीय नौसेना को फायदा नहीं होगा, बल्कि आसपास के समुद्री इलाकों में भी शांति का माहौल बनेगा. idrw में छपी खबर के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा है कि दूसरे एयरक्राफ्ट कैरियर का डिस्प्लेसमेंट 45 हजार टन होगा. यह अपने ऊपर 28 फाइटर जेट्स और हेलिकॉप्टर तैनात कर सकेगा.
लेकिन सवाल ये उठता है कि ये जापान के लिए फायदेमंद कैसे होगा?
1. भारतीय नौसेना मजबूत होगी तो चीन की PLA नेवी को भारत की तरफ ध्यान देना होगा. इससे जापान की तरफ से उसका ध्यान थोड़ा कम होगा. जापान का स्ट्रैटेजिक प्रेशर कम होगा.
2. जैसे ही भारतीय समुद्री इलाके में भारतीय नौसेना की मजबूती बढ़ेगी. आसपास के इलाकों की सुरक्षा बढ़ेगी. इससे जापान, थाईलैंड, म्यांमार जैसे समुद्री तटों वाले देशों के आसपास स्थिरता आएगी. रणनीतिक संतुलन बनेगा.
3. दूसरे एयरक्राफ्ट कैरियर के लॉन्च होते ही भारतीय और जापानी नौसेना ज्यादा नजदीकी से मिलकर युद्धाभ्यास कर सकेंगे. ज्यादा तकनीकी समझौते कर पाएंगे. मैरीटाइम पेट्रोलिंग भी आसान होगी.
4. समुद्री इलाकों में जहां तक जापान नहीं पहुंच पाता, वहां भारतीय नौसेना जा पाएगी. इससे दोनों ही देशों का तनाव कम होगा और समुद्री सुरक्षा बढ़ेगी.
कैसे हो सकता है दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर?
IAC-II यानी दूसरे स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत का डिस्प्लेसमेंट 45 हजार टन रहेगा. इसकी लंबाई 860 फीट, बीम 203 फीट, ऊंचाई 194 फीट और ड्रॉट 28 फीट होगी. इसमें 14 डेक होंगे. इसे चार जनरल इलेक्ट्रिक इंजन और दो इलेकॉन कोगैग गीयरबॉक्स से ताकत मिलेगी. प्रोपल्शन के लिए दो शाफ्ट होंगे.
यह अधिकतम 56 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से समंदर में चल सकेगा. इसकी रेंज 15 हजार किलोमीटर होगी. इसपर एक बार में 196 ऑफिसर औऱ 1449 नौसैनिक एक बार में तैनात हो सकेंगे. बचाव के लिए इस पर कवच एंटी-मिसाइल सिस्टम और मारीच एंडवांस्ड टॉरपीडो डिफेंस सिस्टम लगे होंगे.
इसके अलावा सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बराक 8 के 32 सेल होंगे. 4 ओटोब्रेड ड्यूअल परपज गन और 4 AK 630 CIWS गन लगी होगी. इस पर राफेल एम, मिग-29के, तेजस फाइटर जेट, टेडबीएफ फाइटर जेट या एएमसीए फाइटर जेट तैनात हो सकते हैं. इसके अलावा कामोव, अपाचे, प्रचंड, एमएच-60आर या ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात हो सकता है.