scorecardresearch
 

INS Imphal: 90 डिग्री पर घूमकर हमला करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस युद्धपोत कल होगा नौसेना में शामिल

26 दिसंबर 2023 को भारतीय नौसेना (Indian Navy) को ऐसा युद्धपोत मिलने वाला है, जिसमें 90 डिग्री पर घूमकर हमला करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलें लैस हैं. इस युद्धपोत का नाम है INS Imphal. इम्फाल युद्धपोत को देश के उत्तर-पूर्व क्षेत्र के किसी भी शहर के नाम पर अब तक का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत विध्वंसक होने का अनूठा गौरव प्राप्त होगा.

Advertisement
X
INS Imphal Indian Navy
INS Imphal Indian Navy

भारतीय नौसेना 26 दिसंबर 2023 को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड पर अपने नए स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर INS Imphal को अपने बेड़े में शामिल करेगा. इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे. यह विशाखापट्टनम क्लास का तीसरा गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है. इम्फाल विध्‍वंसक पहला युद्धपोत है जिसका नाम उत्तर पूर्व के एक शहर के नाम पर रखा गया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और समृद्धि के लिए क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करता है.

Advertisement

20 अक्टूबर 2023 को सभी परीक्षण पूरे करने के बाद INS Imphal को नौसेना को सौंप दिया गया था. नवंबर महीने में इसी युद्धपोत से एक्सटेंडेड रेंज वाली सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया गया. ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी ऐसे युद्धपोत से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया गया हो, जिसे अभी नौसेना में शामिल भी नहीं किया गया था. इस जंगी जहाज से निकलने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 90 डिग्री पर घूमकर दुश्मन कर हमला करती है.  

इसके शामिल होने से इंडियन नेवी की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. पश्चिम में पाकिस्तान हो या पूर्व में चीन. दोनों से आने वाले खतरों का सामना करने के लिए यह जंगी जहाज पूरी तरह से तैयार है. इसका नाम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई इंफाल की लड़ाई के शहीदों की याद में रखा गया है. यह पहला जंगी जहाज है जिसका नाम उत्तर-पूर्व के किसी शहर के नाम पर रखा गया है. 

Advertisement

आइए जानते हैं INS Imphal की खासियत

- डिस्प्लेसमेंटः 7400 टन 
- लंबाईः 535 फीट
- बीमः 57 फीट
- इंजनः डीजल-इलेक्ट्रिक
- स्पीडः 56 km/hr 
- रेंजः 7400 km
- क्षमताः समंदर में 45 दिन रह सकता है. 
- 50 अधिकारी और 250 नौसैनिक होंगे तैनात. 

INS Imphal Indian Navy

बचाव और हमले के लिए खास तरह के हथियार

INS Imphal में चार कवच डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं. इसके अलावा बेहतरीन रडार और कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम लगा है. इसमें 32 बराक 8 मिसाइलें, 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स, 7 प्रकार के गन्स होते हैं. ध्रुव और सी किंग हेलिकॉप्टर तैनात हैं. ये ऐसे युद्धपोत हैं, जिनसे लगातार ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है.

पनडुब्बियों को भी खोजकर कर सकता है खत्म

इसके अलावा इस युद्धपोत पर 21 इंच के 4 टॉरपीडो ट्यूब्स हैं. साथ ही 2 आरबीयू-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स भी लगाए गए हैं. इसमें सुरक्षा के लिए डीआरडीओ द्वारा बनाया गया इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर शक्ति ईडब्ल्यू सुइट और कवच चैफ सिस्टम लगा है. 

INS Imphal Indian Navy

खतरनाक तोप और ऑटोमैटिक बंदूकें तैनात 

INS Imphal में 32 एंटी-एयर बराक मिसाइलें तैनात की जा सकती है. जिनकी रेंज 100 KM है. या बराक 8ER मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं, जिसकी रेंज 150 KM है. इसमें 16 एंटी-शिप या लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें लगा सकते हैं. इसके अलावा एक 76 mm की OTO मेराला तोप, 4 AK-603 CIWS गन लगी है.  

Advertisement

आईएनएस इंफाल पर दो वेस्टलैंड सी किंग या HAL ध्रुव हेलिकॉप्टर ले जाए जा सकते हैं. इस युद्धपोत में स्टेट ऑफ द आर्ट सेंसर लगे हैं, जो दुश्मन के हथियारों का आसानी से पता कर सकते हैं. ये सेंसर्स ऐसे डेक में लगाए गए हैं, जिन्हें दुश्मन देख नहीं सकता. इसमें बैटल डैमेज कंट्रोल सिस्टम्स लगाए गए हैं. यानी युद्ध के दौरान अगर जहाज के किसी हिस्से में नुकसान हो तो पूरा युद्धपोत काम करने बंद न करे.  

Live TV

Advertisement
Advertisement