लेबनान में केमिस्ट्स के सिंडिकेट ने चेतावनी दी है कि इजरायली बमों के फटने के बाद जो धूलकण उनकी सांसों में जा रहे हैं, वो साधारण बम के नहीं है. ये डिप्लीटेड यूरेनियम के कण हैं. जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियारों में इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित किया गया है. ये एक केमिकल वेपन है. क्या इजरायल लेबनान-बेरूत पर केमिकल वेपन गिरा रहा है?
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एक पत्रकार है सुलेमान अहमद. उन्होंने इन आरोपों को अपने X हैंडल पर लिखा है. उनका ट्विटर हैंडल भी ब्लू टिक वेरीफाइड है. उन्होंने लिखा है कि जिस तरह की तबाही हो रही है. इमारतों में छेद किया जा रहा है. उन्हें गिराया जा रहा है. जमीनों पर मौजूद गड्ढों से स्पष्ट होता है कि इन इजरायली बमों में डिप्लीटेड यूरेनियम है.
BREAKING: ISRAEL USING INTERNATIONALLY PROHIBITED CHEMICAL WEAPONS IN BEIRUT, LEBANON
Syndicate of Chemists in Lebanon provide a warning regarding the effects of inhaling dust from the bombardment:
- The extent of the destruction and the penetration of buildings and the ground… pic.twitter.com/bwlB3YTi8e— Sulaiman Ahmed (@ShaykhSulaiman) October 6, 2024
ऐसे बमों में जमीन के अंदर काफी गहराई तक जाने की ताकत होती है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैन इन हथियारों का इस्तेमाल घनी आबादी वाले बेरूत में भारी तबाही ला सकता है. इसकी वजह से कई तरह की बीमारियां फैल सकती हैं. खासतौर से तब जब इन बमों के फटने के बाद निकलने वाले धूलकण आप सांसों के साथ फेफड़े में ले जाएं.
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केमिकल मास्क पहनने की अपील
सुलेमान ने लोगों से अपील की है कि जहां बम गिर रहे हैं, उसके करीब न जाएं. कम से कम 2 किलोमीटर दूर ही रहें. अगर जाना बेहद जरूरी है तो केमिकल मास्क और प्रोटेक्टिव कपड़ों को पहनकर ही जाएं. क्योंकि जरा सी लापरवाही इन खतरनाक कणों को आपके शरीर के अंदर पहुंचा सकती है. इससे भारी नुकसान हो सकता है.
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क्या होते हैं डिप्लीटेड यूरेनियम बम?
इसे क्यू मेटल. डिप्लीट एलॉय या D-38 भी बुलाया जाता है. इसमें यूरेनियम 235 से काफी कम मात्रा में रेडियोएक्टिव कण होते हैं. यानी ये फटने के बाद परमाणु बम की तरफ फटती ही नहीं रहते. इनमें चेन रिएक्शन नहीं होता. लेकिन इनका घनत्व बहुत ज्यादा होता है. इसलिए भयानक विस्फोट और गड्ढा करते हैं.
कहां-कहां इस्तेमाल होता है DU?
सार्वजनिक तौर पर डिप्लीटेड यूरेनियम का इस्तेमाल एयरक्राफ्ट के काउंटरवेट में, मेडिकल रेडिएशन थैरेपी में रेडिएशन शील्डिंग के लिए, इंडस्ट्रियल रेडियोलॉजी इंस्ट्रूमेंट में होता है. रेडियोएक्टिव पदार्थों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाले कंटेनर की पालिस के लिए होता है. मिलिट्री में इसका इस्तेमाल आर्मर प्लेटिंग और आर्मर में छेद करने वाले गोले में होता है. मतलब ये बचाता भी है और मारता भी है.
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इस बम से इंसान को क्या नुकसान?
अगर ज्यादा समय तक डिप्लीटेड यूरेनियम के कण शरीर में रहते हैं, तो उससे किडनी, लीवर, ब्रेन, दिल सामान्य तरीके से काम करना बंद कर सकते हैं. इसलिए ही इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है. सिर्फ निगरानी और वैध परमिशन के साथ ही इस्तेमाल किया जा सकता है.