स्वदेशी फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोग्राम के तहत 4.5 जेनरेशन प्लस LCA Mark 2 फाइटर जेट 2026 में पहली उड़ान भरेगा. इसका मास प्रोडक्शन 2029 में शुरू हो जाएगा. इतना ही नहीं, वायुसेना के पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) का प्रोडक्शन 2035 में शुरू होगा.
हाल ही में डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत और वायुसेना के डिप्टी चीफ एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने इस बड़ी मीटिंग की थी. जिसमें इस प्रोग्राम से जुड़े अन्य संस्थाओं के प्रमुख लोग भी थे. पहले ये प्लान था कि LCA MK2 का पहला प्रोटोटाइप 2025 में तैयार हो जाएगा. लेकिन अब इसमें एक साल की देरी हो रही है.
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ये देरी फंड्स के अप्रूवल की वजह से हुई है. क्योंकि नए स्वदेशी फाइटर के लिए इंजन की डील हो रही थी. LCA के सभी फाइटर जेट्स में अमेरिकन GE इंजन लग रहे हैं. मार्क 1 और 1ए में GE-404 लगा है. जबकि मार्क-2 में GE-414 लगाया जाएगा. इसे बनाएगी अमेरिकन कंपनी लेकिन मटेरियल भारतीय होगा.
क्यों बनाए जा रहे हैं ये फाइटर जेट्स भारत में?
भारत सरकार की योजना है कि अगले 10-15 वर्षों में मिराज-2000, जगुआर और मिग-29 की पूरी पुरानी फ्लीट को LCA MK2 से बदल दिया जाए. क्योंकि एलसीए मार्क 1 का प्रोडक्शन 2032 तक खत्म हो जाएगा. मार्क 2 में स्वदेशी उत्तम राडार लगेगा. स्वदेशी AESA राडार लगेगा. जिसे सुखोई-30 एमकेआई के लिए विकसित किया गया था.
India to begin production of LCA Mark2 jets by 2029, 5th gen fighter AMCA by 2035 a report by @ajitkdubey
— Alpha Defense™ (@alpha_defense) August 11, 2024
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पहले जानते है एलसीए मार्क-2 की ताकत
यह स्वदेशी मल्टीरोल सुपरसोनिक फाइटर जेट होगा. इसमें एक या दो क्रू बैठ सकेंगे. लंबाई 47.11 फीट होगी. विंगस्पैन 27.11 फीट और ऊंचाई 15.11 फीट होगी. अधिकतम टेकऑफ वजन 17,500 kg होगा. यह अपने साथ 6500 kg वजन के हथियार लेकर उड़ सकेगा.
एलसीए मार्क-2 फाइटर जेट की सबसे बड़ी ताकत होगी उसकी गति. यह अधिकतम 2385 km/घंटा की स्पीड से उड़ेगा. यानी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फाइटर जेट्स की गति को टक्कर देगा. इसकी रेंज कुल 2500 km होगी. कॉम्बैट रेंज 1500 km होगी. यह अधिकतम 56,758 फीट की ऊंचाई तक जा सकेगा.
मिसाइलों के साथ बम-रॉकेट भी लगा सकेंगे
इसमें 13 हार्ड प्वाइंट्स होंगे यानी 13 अलग-अलग प्रकार के हथियार या फिर उनका मिश्रण लगाया जा सकता है. हवा से हवा में मार करने वाली MICA, ASRAAM, Meteor, Astra, NG-CCM, हवा से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस-NG ALCM, LRLACM, स्टॉर्म शैडो, क्रिस्टल मेज लगाने की योजना है.
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एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम 1/2/3 लगाया जाएगा. इसमें प्रेसिशन गाइडेड म्यूनिशन यानी बम भी लगाए जाएंगे.इन प्रेसिशन गाइडेड म्यूनिशन में शामिल हैं स्पाइस, HSLD-100/250/450/500, DRDO Glide Bombs, DRDO SAAW. लेजर गाइडेड बमों में सुदर्शन बम लगाया जाएगा.
इसके अलावा क्लस्टर म्यूनिशन, लॉयटरिंग म्यूनिशन कैट्स अल्फा और अनगाइडेड बम लगाए जा सकते हैं. LCA Mark 2 फाइटर जेट में जो एवियोनिक्स लगे हैं वो उसे दुश्मन का पता लगाने. हमलों से बचने में मदद करेंगे. इसमें LRDE Uttam AESA Radar, DARE Unified Electronic Warfare Suite (UEWS), DARE Dual Colour Missile Approach Warning System (DCMAWS) और DARE Targeting pod लगे होंगे.
अब जानते हैं AMCA के बारे में... क्या है इसकी तैयारी?
सरकार का कहना है कि AMCA यानी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट 2035 तक बनने लगेगा. अगर ऐसा होता है, तो भारतीय वायुसेना दुनिया की किसी भी ताकतवर एयरफोर्स से टक्कर लेने लायक बन जाएगी. आइए जानते हैं इस फाइटर जेट की खासियत...
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इस फाइटर जेट का नाम है एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Advanced Medium Combat Aircraft - AMCA). इसका पहला प्रोटोटाइप साल 2026 तक सामने आ जाएगा. इसमें जनरल इलेक्ट्रिक 414 (GE-414) के दो इंजन लगे होंगे. एएमसीए आने से चीन, रूस और अमेरिका जैसे देशों की श्रेणी में भारत भी शामिल हो जाएगा. एएमसीए के आने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी.
AMCA अमेरिकी F-35 और रूस के Su-57 को कड़ी टक्कर देगा. देश में अभी फ्रांस से मंगाए गए 4.5 पीढ़ी के राफेल फाइटर जेट हैं. यह विमान अमेरिका के सबसे खतरनाक फाइटर जेट F-35 को स्पीड में पिछाड़ देगा. इसकी अधिकतम गति 2633 km/hr होगी. F-35 की अधिकतम गति 2000 km/hr ही है. एएमसीए के आने के बाद पाकिस्तान तो मुंह खोल नहीं पाएगा. चीन की हालत भी खराब रहेगी.
अमेरिकी फाइटर जेट F-35 से ज्यादा रेंज
एएमसीए रेंज में भी अमेरिकी F-35 से ज्यादा होगा. भारतीय लड़ाकू विमान की रेंज 3240 KM होगी, जबकि अमेरिकी फाइटर की है 2800 किमी है. कॉम्बैट रेंज 1620 किलोमीटर होगी, जबकि F-35 की कॉम्बैट रेंज 1239 किलोमीटर है. भारतीय लड़ाकू विमान 57.9 फीट लंबा होगा, जबकि एफ-35 छोटा है. यह सिर्फ 51.4 फीट लंबा है.
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एएमसीए का विंगस्पैन 36.6 फीट का होगा, जबकि एफ-35 का 35 फिट ही है. AMCA की ऊंचाई 14.9 फीट होगी, जबकि F-35 की 14.4 फीट है. AMCA सिर्फ एक मामले में F-35 से पीछे दिख रहा है, वो है ईंधन की क्षमता. भारतीय विमान में 6500 किलोग्राम फ्यूल आएगा. जबकि अमेरिकी फाइटर में 8275 KG आता है.
आधुनिक डिस्प्ले और कमांड कंट्रोल होगा
भारतीय फाइटर जेट अधिकतम 65 हजार फीट की ऊंचाई तक जाएगा. ये फाइटर जेट भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए बनाया जाएगा. इंडियन एयरफोर्स इस फाइटर जेट के सात स्क्वॉड्रन बनाने की योजना बना रहा है. पहले वर्जन के बाद एएमसीए मार्क-2 में और ताकतवर ज्वाइंट वेंचर इंजन लगाने की प्लानिंग है.
इसका कॉकपिट मैन-मशीन इंटरैक्शन पर आधारित होगा. पैनारोमिक टचस्क्रीन डिस्प्ले, मल्टी फंक्शन डिस्प्ले और हेड्स अप डिस्प्ले की व्यवस्था होगी. एएमसीए में हैंड्स ऑन थ्रॉटल एंड स्टिक (HOTAS) अरेंजमेंट होगा. जो पायलट के दाहिनें हाथ में स्टिक और बाएं हाथ में थ्रॉटल होगा. ताक पायलट का वर्कलोड कम हो सके.
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हथियारों का पूरा जखीरा चौंका देगा आपको
एएमसीए में 14 हार्डप्वाइंट्स होंगे. इसमें 23 मिलीमीटर की GSh-23 कैनन लगी होगी. इसके अलावा S8 रॉकेट पॉड्स, अस्त्र मार्क-1, 2, 3, हवा से हवा में मार करने वाली NG-CCM मिसाइल, ब्रह्मोस एनजी (BrahMos-NG), संत और हवा से जमीन पर मार करने वाली रुद्रम मिसाइल लगाई जाएंगी.
F-35 फाइटर जेट में एक 25 मिलीमीटर का कैनन है. चार हार्डप्वाइट्ंस हैं. छह एक्सटर्नल हार्ड प्वाइंट्स हैं. यह AIM 120, 9X, 132 और हवा से हवा में मार करने वाली MBDA मीटियोर मिसाइल से लैस है. इसके अलावा इस पर हवा से सतह पर मार करने वाली AGM 88G, AGM 158, Spear 3 हवा से सतह और हवा से शिप पर मार करने वाली मिसाइलें तैनात हो सकती है.