रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए 155 मिमी/52 कैलिबर की क्षमता वाले के9 वज्र-टी स्व-चालित ट्रैक्ड आर्टिलरी गन की खरीद के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ एक डील की है. इस सौदे की कुल लागत 7,628.70 करोड़ रुपए है.
नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक में 20 दिसंबर, 2024 को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और लार्सन एंड टुब्रो के प्रतिनिधियों के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए. के9 वज्र-टी की खरीद से भारतीय तोपखाने के आधुनिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा.
यह भी पढ़ें: जंग हुई तो क्या कम पड़ जाएंगे इंडियन एयरफोर्स के पायलट, कैग-संसदीय समिति की रिपोर्ट में चिंता
भारतीय सेना की समग्र युद्धक क्षमता में वृद्धि होगी. यह बहु उपयोगी तोप देश में कहीं भी आने-जाने में समर्थ होने के साथ ही छोटे रास्ते से भी संचालित होने की ताकत रखता है. इससे सटीकता के साथ-साथ लंबी दूरी तक हमला करना संभव होगा. इसकी घातक मारक क्षमता सभी इलाकों में तोपखाने की उपलब्धता को बढ़ाएगी.
यह तोप अत्याधुनिक तकनीक से लैस है. के9 वज्र-टी उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शून्य से नीचे के तापमान में भी हमला करने में सक्षम है. 100 तोप भारतीय सेना में तैनात हैं. 100 तोप और आ सकते हैं. गोले की रेंज 18 से 54 km है. इसका इस्तेमाल चीन के साथ हुए संघर्ष के दौरान भी किया गया था. इसमें 48 गोले स्टोर होते हैं. ऑपरेशनल रेंज 360 km और अधिकतम स्पीड 67 km प्रतिघंटा है.