भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से नेक्स्ट जेनरेशन आकाश मिसाइल (Akash-NG) का सफल परीक्षण किया. मिसाइल ने टारगेट को सटीकता से मार गिराया, जबकि वह कम ऊंचाई पर तेज गति में उड़ान भर रहा था. डीआरडीओ ने इसका वीडियो भी जारी किया है.
Akash-NG जमीन से हवा में मार करना वाली मिसाइल है. इसमें डुअल पल्स सॉलिड रॉकेट मोटर है, जो इसकी गति को बढ़ाता है. इसकी रेंज 40 से 80 km है. साथ ही इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे मल्टी फंक्शन राडार लगा है जो एकसाथ दुश्मन की कई मिसाइलों या विमानों को स्कैन कर सकता है.
आकाश-एनजी मिसाइल को मोबाइल प्लेटफॉर्म से लॉन्च करते हैं. इसका कुल वजन 720 kg है. इसकी लंबाई 19 फीट और व्यास 1.16 फीट है. ये अपने साथ 60 kg वजन का हथियार ले जा सकता है. यह 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन के विमानों या मिसाइल को नष्ट कर सकता है.
गति इतनी मारक कि दुश्मन को बचने का मौका न मिले
सबसे ज्यादा खतरनाक इसकी गति है. ये दुश्मन को बचने का मौका नहीं देता. यह दुश्मन की तरफ 3087 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ती है. यानी एक सेंकेंड में करीब एक किलोमीटर की दूरी तय करता है. इस मिसाइल के पुराने वैरिएंट्स 2009 से भारतीय सेनाओं को अपनी सेवा दे रहे हैं.
टैंक से भी दागने की व्यवस्था की जा सकती है
आकाश-एनजी मिसाइल को T-72 या BMP चेसिस या टाटा मोटर्स के हैवी मोबिलिटी ट्रक्स पर बनाए गए मोबाइल लॉन्च सिस्टम से दाग सकते हैं. इस मिसाइल के मोबाइल लॉन्च सिस्टम के लिए गाड़िया टाटा मोटर्स और BEML-Tatra कंपनियां बनाती हैं.
Next Generation Akash missile successfully flight tested from ITR , Chandipur off the coast of Odisha today at 10:30hrs against a high speed unmanned aerial target at very low altitude. @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/ShRNi4dfAj
— DRDO (@DRDO_India) January 12, 2024
चीन के साथ झड़प होने पर हुआ था तैनात
आकाश-एनजी मिसाइल के पुराने संस्करण को पिछले साल चीन के साथ हुए सीमा विवाद के दौरान लद्दाख स्थित लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भी तैनात किया गया था. इसके अलावा भारतीय वायुसेना ने आकाश मिसाइलों को ग्वालियर, जलपाईगुड़ी, तेजपुर, जोरहाट और पुणे बेस पर भी तैनात कर रखा है.