पाकिस्तान ने इंडियन एयरफोर्स के फाइटर पायलट अभिनंदन वर्धमान को पकड़ तो लिया था. न छोड़ने की बात भी कही थी. लेकिन उसकी सांस तब फूलने लगी जब भारत ने 9 मिसाइलों का मुंह पाकिस्तान की ओर मोड़ दिया. इन्हें पाकिस्तान सीमा के नजदीक तैनात कर दिया गया था. दोनों परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच तनाव का माहौल था.
भारत ने जैसे ही मिसाइलों को सीमा की तरफ घुमाया. उधर, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी सेना के इरादे बदल गए. इमरान खान लगातार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने के लिए कॉल कर रहे थे. जहां पहले पाकिस्तान अकड़ दिखा रहा था. मिसाइलों का मुंह मोड़ते ही उसकी घिग्घी बंध गई. वो बातचीत पर आ गया.
ये खुलासे पूर्व हाई कमिश्नर अजय बिसारिया ने अपनी नई किताब Anger Management: The Troubled Diplomatic Relationships Between India And Pakistan में किया है. अजय ने अपनी किताब में लिखा है कि इमरान खान सीधे पीएम मोदी से बात करना चाह रहे थे. उस रात को प्रधानमंत्री मोदी ने भी बाद में कत्ल की रात (Qatal Ki Raat) कहा था. ये बात है 27 फरवरी 2019 की जब अभिनंदन वर्धमान ने एक पाकिस्तानी F-16 को मार गिराया था. लेकिन इस दौरान उनके जेट पर पाकिस्तानी मिसाइल लग गई. उन्होंने इजेक्ट और पाकिस्तान में जा गिरे.
मिसाइलों का मुंह घूमा तो हिल गई पाकिस्तान सरकार
पाकिस्तानी सेना ने उन्हें तत्काल अपने कब्जे में ले लिया. पहले पाकिस्तानी सेना ने अकड़ दिखाई लेकिन जैसे ही पीएम मोदी और भारत सरकार ने मिसाइलों को पाकिस्तान की तरफ घुमाया. वो भी इतनी तेजी से कि पाकिस्तान की हालत खराब हो गई. भारतीय सेना की यह तैयारी देख कर पाकिस्तानी सेना और सरकार हिल गई.
अजय बिसारिया ने बताया कि वर्धमान के पकड़े जाने के बाद भारत में मौजूद पाकिस्तानी हाईकमिश्नर सोहेल महमूद की उनके पास कॉल आई. उन्होंने कहा कि इमरान खान पीएम मोदी से बात करना चाहते हैं. बिसारिया ने दिल्ली संपर्क किया और फिर महमूद को बताया कि पीएम मोदी अगले कुछ घंटे उपलब्ध नहीं है. उसके बाद महमूद ने बिसारिया को फोन नहीं किया.
इमरान दिखा रहे थे उन्होंने शांति के लिए वर्धमान को छोड़ा
28 फरवरी को वर्धमान को छोड़ने की घोषणा करते हुए इमरान खान ने पाकिस्तानी संसद में कहा कि उन्होंने रात में पीएम मोदी से बात करने की कोशिश की थी. ताकि शांति बहाल रहे. पाकिस्तान यह दिखा रहा था कि उसने शांति के लिए वर्धमान को छोड़ दिया लेकिन अमेरिका और इंग्लैंड ये जानते थे कि भारत की धमकी और मिसाइलों के डर की वजह से ये काम पाकिस्तान ने किया है. भारत ने अमेरिकी और इंग्लैंड के राजदूतों को अपने कदम की जानकारी दे दी थी.
पाकिस्तान कभी नहीं मानता आतंकी हमलों में अपनी भूमिका
इन राजदूतों ने भारत के विदेश सचिव को जानकारी दी थी कि पाकिस्तान वर्धमान को छोड़ने की तैयारी नहीं कर रहा है. वो इसे आतंकवाद से जोड़ेगा. भारत को ये बात पहले से पता था कि पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों में अपनी भूमिका नहीं मानता. चाहे वह 9/11 हो. या फिर 26/11 मुंबई हमला. पठानकोट हो या फिर उरी पर हुआ आतंकी हमला.
इसलिए भारत ने कड़ा संदेश देने की तैयारी कर ली थी. इसलिए रणनीति के साथ-साथ कूटनीतिक कदम उठाए गए. पीएम मोदी ने 2019 की एक चुनावी रैली में यह कहा था कि अगर पाकिस्तान वर्धमान को नहीं छोड़ता तो वह कत्ल की रात होती. अजय बिसारिया की किताब में बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Airstrike) के बारे में भी डिटेल जानकारी दी गई है.