तुर्की ने पाकिस्तान को नया युद्धपोत बनाकर दिया है. इस जंगी जहाज को समुद्री ट्रायल के लिए समंदर में उतार दिया गया है. पाकिस्तानी नौसेना इसे मिलगेम-क्लास कॉर्वेट (Milgem-Class Corvettes) में शामिल कर रही है. इसे पाकिस्तान ने PNS Babur नाम दिया है. इसे इस्तांबुल नेवल शिपयार्ड ने बनाया है.
पाकिस्तान ऐसे चार युद्धपोत बनाने की तैयारी में हैं. तीन बन रहे हैं. एक पूरा हो चुका है. जिसे समंदर में ट्रायल्स के लिए उतार दिया गया है. यह एक मल्टी-परपज कॉर्वेट है. इसका डिस्प्लेसमेंट 2888 टन है. 356.11 फीट लंबे पीएनएस बाबर की बीमा 48.7 फीट की है. यह समंदर में 50 से 57 km/hr की स्पीड से चलेगी.
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पाकिस्तानी युद्धपोत की रेंज 6500 किलोमीटर है. इसमें अत्याधुनिक कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम लगा है. इसके अलावा चार तरह के राडार सिस्टम लगे हैं, जो इसे दुश्मन की मिसाइलों, जहाजों, विमानों, पनडुब्बियों और आने वाले खतरों से आगाह करेंगे. इसके अलावा इसमें हल माउंटेड सोनार सिस्टम है. यानी जहाज के ऊपर लगा है.
कई तरह की मिसाइलों से लैस है ये युद्धपोत
पाकिस्तान के इस युद्धपोत में सतह से हवा में मार करने वाले 12 अल्बाट्रोस एनजी मिसाइलें लगी हैं. यानी ये मिसाइलें एंटी-एयर वॉरफेयर में इस्तेमाल होंगी. इसके अलावा एंटी-सरफेस वॉरफेयर के लिए 2 ट्रिपल सेल मिसाइल लॉन्चर और 6 पी-282 एंटी-शिप मिसाइलें इस युद्धपोत पर लगाई गई हैं.
पनडुब्बी से जंग के लिए भी खास हथियार
एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए इसमें हल्के वजन की मार्क 32 टॉरपीडो की 2x3 ट्यूब्स हैं. यानी पनडुब्बियों को डुबोने के लिए भी हथियार से लैस है. इसके अलावा इसमें एक 76 मिलिमीटर की ओटो मेलारा नेवल गन, एक 35 मिलिमीटर की CIWS और 25 मिलिमीटर के 2 रीमोट वेपन स्टेशन हैं. इन सबके अलावा दुश्मन की मिसाइलों, रॉकेटों और टॉरपीडो से बचने के लिए डिकॉय सिस्टम भी लगाया गया है.
छिपा हुआ हैंगर, खड़ा हो सकता है एक हेलिकॉप्टर
इस युद्धपोत पर एक हैंगर है, जिसमें एक एंटी-सबमरीन हेलिकॉप्टर रखा जा सकता है. माना जा रहा है कि ये अगस्तावेस्टलैंड का AW159 Wildcat हो सकता है. पाकिस्तान बाबर युद्धपोत के बाद खैबर, बद्र और तारिक बनाएगा. शुरू के दोनों तुर्की में बने हैं, बाकी के दोनों कराची में बनाए गए हैं.