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चीन की ओर ज्यादा BrahMos मिसाइलें घुमाना चाहता है फिलीपींस, भारत से लेगा मदद

चीन से चल रहे तनाव की वजह से फिलीपींस ने फैसला किया है कि वो भारत से मिली BrahMos मिसाइल का मुंह चीन की तरफ करेगा. भारत से और मिसाइलें खरीदेगा. उसे भी चीन की तरफ घुमाएगा. क्योंकि चीन लगातार फिलिपींस की नौसेना, मछुआरों और कोस्ट गार्ड्स को समंदर में परेशान कर रहा है.

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ये है फिलीपींस द्वारा खरीदी गई ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, जो चीन की तरफ मुंह करके तैनात की गई है. (सभी फोटोः फिलीपींस आर्मी)
ये है फिलीपींस द्वारा खरीदी गई ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, जो चीन की तरफ मुंह करके तैनात की गई है. (सभी फोटोः फिलीपींस आर्मी)

भारत से मिली सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल BrahMos को चीन की तरफ घुमा रहा है फिलीपींस. फिलीपींस चाहता है कि वो भारत से लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइल भी खरीदे. उसे भी चीन की तरफ तैनात कर दे. चीन लगातार समंदर में फिलीपींस को परेशान कर रहा है. इसलिए फिलीपींस की तरफ से ये बात आई है. 

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फिलीपींस के मरीन कॉर्प्स का प्लान है कि वो अगले दो साल में भारत से दो और ब्रह्मोस बैटरी खरीदेगा. इन मिसाइलों को दक्षिण चीन सागर की तरफ मुंह करके तैनात किया जाएगा. फिलहाल फिलीपींस के पास जो ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम है, उसमें 3 बैटरी है. हर बैटरी में 4 लॉन्चर हैं. सबमें तीन मिसाइलें हैं. इनकी रेंज 290 km है. 

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फिलीपींस की सेना जमीन से हमला करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल और नौसेना के लिए और मिसाइलें खरीदने का प्लान बना रही है. इससे भारत के रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही चीन की हिम्मत कम होगी कि वो फिलीपींस पर हमला कर सके. 

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कुछ समय पहले ही फिलीपींस ने बनाया था ब्रह्मोस बेस

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चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर की ओर दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का पहला बेस बना दिया है. यहां से फिलिपींस जब चाहे तब चीन के युद्धपोतों, ड्रोन्स, विमानों आदि को निशाना बना सकता है. यह बेस फिलीपींस के पश्चिमी लुजॉन में है. 

ब्रह्मोस मिसाइलों का नया बेस पश्चिमी लुजॉन के जामबेल्स स्थित नेवल स्टेशन लियोविजिल्डो गांतियोकोई में है. यह बेस फिलिपीन मर्चेंट मरीन एकेडमी के दक्षिण में बन रहा है. पहले यहां पर एंफिबियस असॉल्ट और तटीय सुरक्षा की ट्रेनिंग होती थी. यहां पर मरीन एंफिबियस असॉल्ट व्हीकल्स भी रखे गए हैं. 

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कब और कितने की हुई थी भारत से डील? 

चीन की हरकतों से परेशान फिलीपींस ने भारत से मदद ली. इसने भारत से साल 2022 में 3131 करोड़ रुपए की डील की थी. दो साल बाद भारत ने फिलीपींस को दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल सौंप दी है. फिलीपींस आकार में भारत से 996% छोटा है. आबादी मात्र 11.46 करोड़ है. फिलीपींस ने भारत से हासिल की मिसाइलों को ऐसी जगहों पर तैनात कर रहा है, जहां से चीन के हमलों का करारा जवाब दिया जा सके. ब्रह्मोस के मिलने के बाद फिलीपींस की सैन्य ताकत में कई गुना इजाफा हो गया है.  

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फिलीपींस को दो तरह की ब्रह्मोस मिसाइलें चाहिए

फिलीपींस को एंटी-शिप और लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें चाहिए. फिलहाल उसे लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें दी गई हैं. ब्रह्मोस के छह से ज्यादा वर्जन हैं. 1200 से 3000 किलो वजन तक की ये मिसाइलें 20 से 28 फीट लंबी होती हैं. यह मिसाइल 200 से 300 kg परमाणु या पारंपरिक हथियार ले जा सकती है. यह मिसाइल 15 km की ऊंचाई तक जा सकती है. 290 से लेकर 800 km की रेंज है. यह समंदर से कुछ फीट ऊपर उड़ान भरती है. इसलिए राडार पर दिखती नहीं है. स्पीड 3704 किलोमीटर प्रतिघंटा.

फिलीपींस के चारों तरफ सिर्फ समंदर ही समंदर

फिलीपींस का कुल क्षेत्रफल 343,448 वर्ग km है. यह दक्षिणी चीन सागर में छोटे-छोटे 7641 द्वीपों का एक समूह है. दक्षिणी चीन सागर पश्चिम में है. फिलिपीन सागर पूर्व और सेलेबेस सागर दक्षिण में है. फिलिपींस अपनी समुद्री सीमा ताइवान, जापान, पलाऊ, इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम और चीन के साथ बांटता है. यह दुनिया का 12वां सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. 

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