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सीमाओं पर जल्द तैनात होगा Robot जैसा टैंक, देखिए ट्रायल का Video

कुछ दिनों पहले राजस्थान के पोखरण में ऐसे तोप का ट्रायल चल रहा था, यह एकदम रोबोट की तरह है. खुद ही गोला निकालता है. खुद ही लोड करता है. खुद ही फायर करता है. एक बार ट्रायल पूरा हो जाए तो इस तोप को पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर तैनात किया जाएगा. खासतौर से ऊंचाई वाले इलाकों में.

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पोखरण में चल रहे माउंटेड गन सिस्टम के ट्रायल का फोटो. (फोटो/वीडियोः DRDO)
पोखरण में चल रहे माउंटेड गन सिस्टम के ट्रायल का फोटो. (फोटो/वीडियोः DRDO)

DRDO ने कुछ दिनों पहले यानी पिछले साल के आखिरी महीने के आसपास राजस्थान के पोखरण में 155x52 ATAGS को BEML के ऑर्मर्ड ट्रक पर लगाकर उसका परीक्षण किया. यह तोप किसी रोबोट की तरह काम करता है. पहली किसी तोप को लोड करने में 6-8 लोगों की जरूरत पड़ती थी. लेकिन यह सारा काम यह खुद कर लेता है. 

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Mounted Gun System

इसमें लगी रोबोटिक आर्म खुद ही गोला निकाल कर तोप के बैरल में लोड करती है. इसके बाद फायरिंग सिस्टम काम करता है. इस पूरे तोप को माउंटेड गन सिस्टम कहते हैं. सेना को ऐसे 800 से ज्यादा तोपों की जरूरत है. इस तोप की रेंज 45 km बताई जा रही है. यह हर मिनट 6 गोले दाग सकता है. इस तोप का ट्रक 90 km/hr की अधिकतम रफ्तार से चल सकता है. 

यहां देखिए रोबोटिक तोप का वीडियो

ये हैं देश के अन्य शानदार तोप

धनुष

Indian Artillery

155 mm/45 कैलिबर हॉवित्जर साल 2019 में भारतीय सेना में शामिल हुआ. यह बोफोर्स का स्वदेशी वर्जन है. फिलहाल सेना के पास 12 धनुष है. 114 का ऑर्डर है. डिलिवरी हो रही है. इसे चलाने के लिए 6 से 8 क्रू लगते हैं. गोले की रेंज 38 km है. बर्स्ट मोड में यह 15 सेकेंड में तीन राउंड दागता है. इंटेंस मोड में 3 मिनट में 15 राउंड और संस्टेंड मोड में 60 मिनट में 60 राउंड. 

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एम-46 शारंग

Indian Artillery

इस फील्ड गन के दो वैरिएंट्स है- 133 mm और 155 mm. भारत के पास ऐसे 1100 गन्स है. यह तीन रेट में फायर करता है. आमतौर पर एक मिनट में 6 राउंड. बर्स्ट मोड पर 8 और सस्टेंड मोड पर 5 राउंड. इसका गोला करीब एक km प्रतिघंटा की गति से दुश्मन की ओर बढ़ता है. रेंज 27.5 से 38 km तक है. 

के9-वज्र टी

Indian Artillery

155 मिलीमीटर की सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी. 100 तोप भारतीय सेना में तैनात हैं. 100 तोप और आ सकते हैं. गोले की रेंज 18 से 54 km है. इसका इस्तेमाल चीन के साथ हुए संघर्ष के दौरान भी किया गया था. इसमें 48 गोले स्टोर होते हैं. ऑपरेशनल रेंज 360 km और अधिकतम स्पीड 67 km प्रतिघंटा है. 

एटीएजीएस

Indian Artillery

155 mm की इस गन का पहला परीक्षण 2016 में हुआ था. 307 का टेंडर हुआ है. 400 और तोप मंगाए जा सकते हैं. इसे चलाने के लिए 6 से 8 लोगों की जरूरत पड़ती है. बर्स्ट मोड में 15 सेकेंड में 3 राउंड, इंटेस में 3 मिनट में 15 राउंड और 60 मिनट में 60 राउंड फायर करता है. इसकी फायरिंग रेंज 48 km है. इसे बढ़ाकर 52 किया जाना है.  

M777 हॉवित्जर

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Indian Artillery

भारतीय सेना के पास 145 M777 हैं. 155 mm की यह अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर को 8 लोग चलाते हैं. एक मिनट में 7 गोले दागता है. गोले की रेंज अलग-अलग कोण पर 24 से 40 KM है. गोला एक km प्रति सेकेंड से छूटता है. इसका 4200 kg है. लंबाई 35 फीट है. इसकी नली की लंबाई 16.7 फीट है. इससे छह तरह के गोले दागे जा सकते हैं. 

कल्याणी गरुड़ा

Indian Artillery

यह 105mm/27 कैलिबर की लाइट गन है. इसे किसी भी ऊंचाई वाले स्थान पर ले जाया जा सकता है. जैसे सिक्किम या अरुणचाल प्रदेश. इसकी टेस्टिंग चल रही है. फिलहाल 2800 से ज्यादा बार गोले दागे जा चुके हैं. भारतीय सेना इसे भी शामिल करने का सोच कर रही है. 

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