भारतीय वायुसेना जल्द ही रुद्रम-3 (Rudram-3) मिसाइल का परीक्षण करने जा रही है. टेस्ट फायर के लिए वह सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट का इस्तेमाल करेगी. ऐसी संभावना है कि इस साल की आखिरी तिमाही में इस मिसाइल को भारतीय वायुसेना के सुखोई एसयू-30एमकेआई फाइटर जेट में लगा दिया जाएगा.
सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट अपने आप में बहुत खतरनाक फाइटर जेट है. दुनिया के दस सबसे खतरनाक फाइटर जेट्स में इसकी गिनती होती है. 72 फीट लंबे इस फाइटर जेट का विंगस्पैन ही 48.3 फीट है. 20.10 फीट ऊंचे फाइटर जेट का वजन 18,400 KG है. अधिकतम स्पीड 2120 km/hr है.
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Su-30MKI की उड़ान रेंज 3000 km है. बीच रास्ते में ईंधन मिल जाए तो यह 8000 km तक जा सकता है. यह अधिकतम 57 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. अब अगर इसमें रुद्रम-3 जैसी मिसाइल लगाई जाती है तो इस फाइटर जेट और वायुसेना दोनों की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.
जानिए रुद्रम मिसाइल की ताकत...
रुद्रम मिसाइल हवा से सतह पर मार करने वाली एंटी-रेडिएशन मिसाइल है. इसे DRDO ने बनाया है. रुद्रम-3 असल में ग्राउंड अटैक के लिए बनाई गई पेनेट्रेशन-कम-ब्लास्ट मिसाइल है. यानी इस मिसाइल का इस्तेमाल बंकर फोड़ने से लेकर इमारत गिराने तक किया जा सकता है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 600 किलोमीटर है.
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रुद्रम-1 और रुद्रम-2 मिसाइलों की टेस्टिंग सफलतापूर्वक हो चुकी है. यह करीब 1.6 टन की मिसाइल होगी. यह अधिकतम 11 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. रुद्रम के पहले दोनों वर्जन 300 किलोमीटर रेंज के थे. इसकी स्पीड मैक 5 के ऊपर होगी यानी 6174 km/hr से ज्यादा होगी.