scorecardresearch
 

8 मिनट में पेरिस...9 मिनट में लंदन... अगले साल बेलारूस में तैनात होगी रूस की नई मिसाइल

रूस की TASS न्यूज एजेंसी ने खुलासा किया है कि रूस अगले साल बेलारूस में अपनी नई और घातक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल ओरेश्निक तैनात करने जा रहा है. इससे पूरा यूरोप रूस के निशाने पर आ जाएगा. ये फैसला तब लिया गया जब अमेरिका और जर्मनी रूस के खिलाफ पूरे यूरोप में इंटरमीडियट रेंज की मिसाइलें तैनात कर रहे हैं.

Advertisement
X
ओरेश्निक मिसाइल यार्स मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन है, जिसमें एक साथ कई हथियार लगाए जा सकते हैं.
ओरेश्निक मिसाइल यार्स मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन है, जिसमें एक साथ कई हथियार लगाए जा सकते हैं.

बेलारूस की सरकार ने रूसी रक्षा एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर यह फैसला लिया है कि उनके देश में अगले साल मध्य तक रूस की नई ओरेश्निक बैलिस्टिक मिसाइल की तैनाती हो जाए. अगर ऐसा होता है तो पूरा का पूरा यूरोप रूस की इस खतरनाक मिसाइल की रेंज में आ जाएगा. 

Advertisement

रूस और बेलारूस ने यह फैसला तब लिया, जब अमेरिका और जर्मनी उसके खिलाफ पूरे यूरोप में अलग-अलग स्थानों पर इंटरमीडियट रेंज की मिसाइलें तैनात कर रहे हैं. अब होगा ये कि बेलारूस में यह मिसाइल तैनात करते ही पूरा यूरोप और नाटो बेस रूस के निशाने पर होंगे. वो भी कुछ ही मिनट की दूरी पर. 

यह भी पढ़ें: 4000 डिग्री की गर्मी, उल्कापिंड की टक्कर जितनी तबाही... पुतिन की नई मिसाइल की ताकत जानिए

अब ओरेश्निक मिसाइल की रेंज है 5500 किलोमीटर. यह एक सेकेंड में तीन किलोमीटर की स्पीड से चलती है. इसमें ऐसे हथियार लगाए जाते हैं जो 4000 डिग्री सेल्सियस का तापमान पैदा करते हैं. यानी किसी भी चीज को गला कर राख कर दें. यह मिसाइल आसमान से उल्कापिंड की तरह गिरती है. यानी भयानक तबाही का मंजर. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: एक सेकेंड में 3.087 KM की रफ्तार, आधा चीन-पूरा पाकिस्तान रेंज में, समंदर में धाक... भारत की नई हाइपरसोनिक मिसाइल की जानिए ताकत

बेलारूस से अगर यह मिसाइल दागी जाती है तो यूरोप में कहां कितनी देर में पहुंचेगी

लिथुआनिया/विलनियस मात्र 1.7 मिनट में. 

यूक्रेन/कीव सिर्फ 2.7 मिनट में. 

पोलैंड के US बेस पर 3.2 मिनट में. 

फिनलैंड के हेलसिंकी में 5 मिनट में. 

रोमानिया के अमेरिकी बेस पर 5.5 मिनट में.

जर्मनी के रैम्सटीन में 6.1 मिनट में. 

पेरिस सिर्फ 8.3 मिनट में. 

लंदन सिर्फ 8.8 मिनट में. 

Oreshnik Hypersonic MRBM, Russia, Ukraine, NATO

रूस के पास दर्जनों ओरेश्निक मिसाइलों का जखीरा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में कहा था कि इस समय हमारे पास कई ओरेश्निक मिसाइल सिस्टम हैं, जिन्हें हम किसी भी वक्त तैनात कर सकते हैं. हम लगातार इस मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल अपने दुश्मनों पर करते रहेंगे. अगर उन्होंने हमारे इलाके पर हमला करना रोका नहीं तो. जिसमें वो पश्चिमी देशों में बनी लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहे हैं. हम भविष्य में भी युद्धक्षेत्र में इस मिसाइल की टेस्टिंग कर सकते हैं. 

यह भी पढ़ें: इंडियन नेवी का एक सीक्रेट टेस्ट और पड़ोसियों में खौफ... पूरा चीन-PAK इस मिसाइल की रेंज में

रूस में कहां से मिसाइल लॉन्च करने से अमेरिका का कौन सा बेस टारगेट पर आएगा... 

Advertisement

1. मिडिल ईस्ट... अगर दक्षिणी रूस से यह मिसाइल दागी जाए तो

- 2100 km की दूरी पर कुवैत में मौजूद अमेरिकी सैन्य बेस पर 11 मिनट में मिसाइल पहुंच जाएगी. 
- 2500 km की दूरी पर बहरीन के अमेरिका की पांचवीं फ्लीट मुख्यालय को 12 मिनट में मिसाइल हिट करेगी. 
- 2650 km दूर मौजूद कतर के अमेरिकी एयर बेस पर 13 मिनट में मिसाइल पहुंचेगी. 
- 4100 km दूर मौजूद जिबौती के अमेरिकी एयर बेस पर 20 मिनट में मिसाइल हिट करेगी. 

Oreshnik Hypersonic MRBM, Russia, Ukraine, NATO

2. पैसिफिक और अलास्का... अगर रूस यह मिसाइल कामचाटका से दागे तो 

- 2400 km दूर अलास्का के अमेरिकी एयर बेस पर यह मिसाइल 12 मिनट में पहुंचेगी.
- 4500 km दूर गुआम के अमेरिकी एयर और नेवी बेस पर यह मिसाइल 22 मिनट में पहुंचेगी. 
- 5100 km दूर पर्ल हार्बर एयर और नेवी बेस पर यह मिसाइल 25 मिनट में हिट कर जाएगी. 

3. मिनटमैन-3 मिसाइल साइलो... अगर मिसाइल चुकोटका से लॉन्च की जाए तो

- 4700 km की दूरी पर मोंटाना में मौजूद मिनटमैन-3 मिसाइल साइलो तक 23 मिनट में पहुंचेगी. 
- 4900 km की दूरी पर मिनोट में मिनटमैन-3 मिसाइल साइलो तक 24 मिनट में हिट करेगी. 

अब जानते हैं ओरेश्निक मिसाइल की खासियत... 

Advertisement

यह एक हाइपरसोनिक मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) है. जो अधिकतम 12,300 km/hr की स्पीड से उड़ान भरते हुए 5500 किलोमीटर रेंज तक हमला कर सकती है. इसमें मल्टीपल इंडेपेंडेटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स (MIRV) सिस्टम है. यानी एक साथ कई टारगेट पर हमला कर सकती है. इसमें एकसाथ 6 से 8 हथियार लगा सकते हैं. यानी यह एक बार इतने टारगेट्स पर हमला कर सकती है. इस मिसाइल में दोनों तरह के हथियार यानी पारंपरिक और न्यूक्लियर लगाए जा सकते हैं. यह हवा में टारगेट की तरफ बढ़ते समय दिशा और एंगल बदल सकती है, ताकि दुश्मन का एयर डिफेंस सिस्टम इसे रोक न पाए.

Live TV

Advertisement
Advertisement