रूस ने हाल ही में यूक्रेन द्निप्रो शहर पर अपनी नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया. दुनिया हैरान रह गई. हमला अलग ही लेवल का था. यूक्रेन और उसके साथी देशों की हवाई सुरक्षा प्रणाली इसे रोक तक नहीं पाई. रूस ने कहा कि हम तो ट्रायल कर रहे थे. मिसाइल में कम ताकत के हथियार लगाए थे.
इसके बाद इस मिसाइल को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे. अब जाकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मिसाइल से संबंधित कुछ सवालों के जवाब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए. अब जानिए इन सवालों के जवाब के जरिए इस मिसाइल की ताकत...
यह भी पढ़ें: आंखें दिखा रहे बांग्लादेश की भारत के सामने कितनी है मिलिट्री और आर्थिक ताकत?
क्या ये इतनी ताकतवर मिसाइल है कि इससे ग्लोबल वॉरफेयर बदल जाएगा?
पुतिनः अगर इस तरह के मल्टीपल सिस्टम का इस्तेमाल एक स्ट्राइक के लिए किया जाता है. जैसे- दो, तीन या चार सिस्टम. तो इससे न्यूक्लियर हमला भी किया जा सकता है. इसकी कोई तुलना नहीं कर सकता. लेकिन ये परमाणु मिसाइल नहीं है. क्योंकि ये हाई प्रेसिशन मिसाइल है. इसमें न्यूक्लियर हथियार नहीं लगाए गए हैं. इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा.
क्या चीज है जो इसे इतना ताकतवर और घातक बनाती है?
पुतिनः यह मिसाइल टारगेट की तरफ मैक 10 यानी 11 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा की स्पीड में हमला करती है. यानी तीन किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति. इसमें जो हथियार लगाए जाते हैं वो चार हजार डिग्री सेल्सियस का तापमान पैदा करते हैं. जिससे दुनिया का कोई भी धातु, कॉन्क्रीट पिघलाया जा सकता है. सूरज की सतह का तापमान 5 से 6.5 हजार डिग्री सेल्सियस है. ये जहां गिरेगी तबाही पक्की है. सब पिघल जाएगा.
यह भी पढ़ें: Bangladesh New Drone: बांग्लादेश ने भारत सीमा के पास तैनात किया खतरनाक ड्रोन, अलर्ट पर इंडियन आर्मी
क्या अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम इसे रोक पाएगा?
पुतिनः ये मिसाइल तीन km/hr की गति से चलती है. दुनिया में जो भी एयर डिफेंस सिस्टम या मिसाइल डिफेंस सिस्टम हैं, चाहे वो अमेरिका ने बनाए हों, या यूरोप ने. वो इसे रोक नहीं पाएंगे. इस मिसाइल को रोकना असंभव है.
इस मिसाइल के हमले से क्या कोई चीज बच सकती है?
पुतिनः जैसा कि मैंने बताया कि इसमें ऐसा हथियार लगाया गया है जो 4000 डिग्री सेल्सियस का तापमान पैदा करते हैं. यानी लगभग सूरज जितना गर्म है इसका हथियार. या उसके गिरने के बाद पैदा होने वाली गर्मी. इसकी टक्कर किसी उल्कापिंड के टक्कर से कम नहीं है. इतिहास गवाह है कि उल्कापिंड की टक्कर से कितनी तबाही मचती है. इसकी टक्कर से इतना बड़ा गड्ढा बन सकता है कि उसमें झील बन जाए. इससे होने वाला नुकसान कंपेयर नहीं किया जा सकता. ये मिसाइल जमीन के अंदर चार से पांच मंजिला तक भेद सकती है. यानी जमीन के अंदर भी बचने का कोई चांस नहीं है. चाहे जितनी भी गहराई क्यों न हो.
क्या ओरेश्निक मिसाइल सबसे सिक्योर्ड बंकर को भी उड़ा देगा?
पुतिनः इसका तापमान, गति इसे किसी भी तरह के बंकर को उड़ाने की ताकत देता है. ये किसी उल्कापिंड की टक्कर से कम नहीं है. जैसे एक उल्कापिंड ने डायनासोर को खत्म किया. ये भी वैसी ही तबाही मचा सकती है लेकिन सीमित दायरे में. जहां गिरेगी वहां सेंटर में मौजूद हर चीज राख में बदल जाएगी. यानी कितना भी मजबूत बंकर क्यों न हो ये तबाह करके रख देगी.
यह भी पढ़ें: रूस की नई हाइपरसोनिक मिसाइल के निशाने पर कौन-कौन से अमेरिकी बेस... कितने मिनट में होगा टारगेट बर्बाद?
रूस के पास कितनी ओरेश्निक मिसाइलें मौजूद हैं?
पुतिनः इस समय हमारे पास कई ओरेश्निक मिसाइल सिस्टम हैं, जिन्हें हम किसी भी वक्त तैनात कर सकते हैं. हम लगातार इस मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल अपने दुश्मनों पर करते रहेंगे. अगर उन्होंने हमारे इलाके पर हमला करना रोका नहीं तो. जिसमें वो पश्चिमी देशों में बनी लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहे हैं. हम भविष्य में भी युद्धक्षेत्र में इस मिसाइल की टेस्टिंग कर सकते हैं.
क्या अमेरिका समेत किसी और देश के पास ओरेश्निक के बराबर का हथियार है?
पुतिनः ओरेश्निक सिस्टम की तुलना दुनिया में किसी अन्य मिसाइल या सिस्टम से नहीं है. मुझे डाउट है कि दुनिया में ऐसा कोई हथियार किसी भी देश के पास मौजूद है. न ही निकट भविष्य में किसी के पास होगा.
रूस ने इसका पहला परीक्षण कब किया था?
पुतिनः यूक्रेन ने जब अमेरिकी और ब्रिटिश लॉन्ग रेंज वेपन्स का इस्तेमाल किया तब रूसी आर्म्ड फोर्सेस ने 21 नवंबर 2024 को कंबाइड स्ट्राइक किया था. हमला यूक्रेन की डिफेंस इंडस्ट्री पर किया गया था. इस हमले में मीडियम रेंज की गैर-परमाणु हथियार वाली नई मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था. जिसमें हाइपरसोनिक पेलोड लगा था. यह युद्ध क्षेत्र में किया गया टेस्ट था. इसका नाम ओरेश्निक है. टेस्ट सफल रहा था. हमला द्निप्रो की मिलिट्री इंडस्ट्री पर किया गया था. यहां सबसे ज्यादा हथियार बनाए जाते हैं.
क्या रूस ओरेश्निक मिसाइल को बड़े पैमाने पर बना रहा है?
पुतिनः रूसी रक्षा मंत्रालय और रूसी सेना का जनरल स्टाफ यूक्रेन में हमला करने लायक टारगेट्स की पहचान कर रहे हैं. इसमें मिलिट्री इंस्टॉलेशन, डिफेंस इंड्स्ट्री, कीव में मौजूद डिसिजन मेकिंग सेंटर शामिल हो सकते हैं. कीव की सरकार लगातार रूस के महत्वपूर्ण जगहों पर हमला करती आ रही है. खासतौर से सेंट पीटर्सबर्ग और मॉस्को में. ऐसे हमले जारी हैं. इस मिसाइल का मास प्रोडक्शन शुरू हो चुका है. मिसाइल में किस तरह का हथियार लगेगा, इसका फैसला टारगेट सेट करने के बाद किया जाएगा.