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1971 की जंग में अमेरिका कर रहा था भारत पर हमले की तैयारी...तब रूस ने चला मास्टरस्ट्रोक!

1971 की जंग में बंगाल की खाड़ी के जरिए जब भारतीय नौसेना बांग्लादेश की मदद करने जा रही थी, तब अमेरिका ने उसे रोकने की कोशिश की थी. साथ ही भारतीय सैन्य अड्डों पर हमले की तैयारी भी कर ली थी. लेकिन रूस के कदम ने अमेरिका को वापस भेज दिया. इस एक फैसले से भारत को जंग में बड़ी मदद मिली.

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ढाका रेस कोर्स में भारतीय सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने PAK सेना के जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने सरेंडर के कागजों पर हस्ताक्षर किया था. (फोटोः गेटी)
ढाका रेस कोर्स में भारतीय सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने PAK सेना के जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने सरेंडर के कागजों पर हस्ताक्षर किया था. (फोटोः गेटी)

1971 की जंग में भारत को घेरने और उसके सैन्य अड्डों पर हमला करने के लिए अमेरिका का न्यूक्लियर पावर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर USS Enterprise बंगाल की खाड़ी की ओर आ रहा था. अमेरिका चाहता था कि पूर्वी पाकिस्तान जो अब बांग्लादेश बन चुका है, वहां भारतीय सेनाएं न पहुंच पाएं. 

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इसलिए एयरक्राफ्ट कैरियर एंटरप्राइज को बंगाल की खाड़ी में तैनाती का आदेश देकर रवाना कर दिया गया था. तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन ने अपने सेना को खुली छूट दे रखी थी कि वो भारतीय बेस पर हमला कर सकते हैं. एंटरप्राइज के कैप्टन को किसी भी तरह का स्पेसिफिक निर्देश नहीं दिया गया था. उसे पूरी आजादी थी भारत के मिलिट्री बेस पर हमला करने की. लेकिन जरूरत पड़ने पर. 

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Russia, 1971 Indo-Pak War, USS Enterprise

तब भारत की मदद करने के लिए रूस ने ऐसी चाल चली, जिससे अमेरिका को भागना पड़ा. रूस ने भारत को बताया कि अमेरिका उसके साथ क्या करने वाला है. भारत ने भी जवाब में कहा कि हमारे वॉलंटियर फाइटर पायलट अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर एंटरप्राइज पर आत्मघाती हमला करने के लिए तैयार हैं. 

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रूस के एक कदम ने बदल दिया था जंग का रुख

तब रूस ने खतरनाक चाल चली. सोवियत नौसेना के प्रमुख एडमिरल गोर्श्कोव ने अपनी न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन को पानी की ऊपरी सतह पर लाने को कहा ताकि अमेरिकी सैटेलाइट उसकी तस्वीर खींच सकें. रूस की नौसेना की SSGN यानी क्रूज मिसाइलों से लैस इस पनडुब्बी को बंगाल की खाड़ी के पास समंदर में ऊपरी सतह पर लाया गया. हुआ भी वही जो रूस चाहता था. अमेरिकी सैटेलाइट ने तस्वीर ली. 

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Russia, 1971 Indo-Pak War, USS Enterprise

सैटेलाइट में दिखी रूसी पनडुब्बी, अमेरिका के उड़े होश

सैटेलाइट तस्वीर में अमेरिका ने जैसे ही देखा कि बंगाल की खाड़ी के पास ही रूस की न्यूक्लियर सबमरीन तैनात है. उसके होश उड़ गए. अमेरिकी नौसेना खौफ में आ गई. अगर उन्होंने भारत पर हमला किया तो रूस की पनडुब्बी उनका कैरियर डुबो देगी. अमेरिका रूस के साथ युद्ध नहीं करना चाहता था. मजबूरी में USS Enterprise को नए निर्देश दिए गए. अमेरिकी एयरक्राफ्ट ने दिशा बदली और वह श्रीलंका चला गया. वह बंगाल की खाड़ी में नहीं जा पाया.

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