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रूस ने क्यों बनाई लकड़ी की पनडुब्बी... किसे बना रहा था बेवकूफ... सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ बड़ा खुलासा

रूस ने काला सागर में मौजूद सेवास्तोपोल बंदरगाह पर लकड़ी की पनडुब्बी बनाकर रखी है. सैटेलाइट तस्वीरों से इसका खुलासा हो गया है. ये जिस पनडुब्बी की नकल है, उसे यूक्रेन की मिसाइल ने बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था. उसकी मरम्मत हो रही है. ये एकदम ट्रोजन हॉर्स वाली कहानी जैसा मामला है...

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पीले तीर से दिखाई जा रही है लकड़ी की पनडुब्बी, जिसने रोस्तोव-ऑन-डॉन सबमरीन की जगह ली है.
पीले तीर से दिखाई जा रही है लकड़ी की पनडुब्बी, जिसने रोस्तोव-ऑन-डॉन सबमरीन की जगह ली है.

पुरानी कहानी है... ट्रॉय के शहर में घुसपैठ के लिए ग्रीक योद्धाओं ने ट्रोजन हॉर्स बनाया. उसमें बैठकर ट्रॉय शहर में गए और जंग जीती. 

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उस समय लकड़ी के घोड़े से छलावा किया गया था. अब रूस लकड़ी की सबमरीन (Wooden Submarine) से छल रहा है. जिसका खुलासा सैटेलाइट तस्वीरों से हाल ही में हुआ. हुआ यूं कि रूस ने अपनी एक पनडुब्बी की हूबहू नकल बनवाई, वो भी लकड़ी से. इसे ब्लैक सी फ्लीट यानी काला सागर में मौजूद उसकी फ्लीट में रखवा दिया. 

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ये फ्लीट रूस के सेवास्तोपोल बंदरगाह शहर में तैनात है. न जाने रूस किसे बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन सैटेलाइट से कौन ही बच पाया है. लकड़ी की इस पनडुब्बी करीब 56 मीटर लंबी थी. ये एक रेप्लिका थी. असल में रूस की पनडुब्बी रोस्तोव-ऑन-डॉन (Rostov-On-Don) को यूक्रेनी हमने से डुबो दिया. 

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दुनिया को ये न पता चले कि रूस की पनडुब्बी खत्म हो गई. इसलिए रूस ने ठीक वैसी ही लकड़ी की पनडुब्बी बनवाई और फ्लीट में तैनात कर दिया. रेप्लिका थोड़ी छोटी बन गई. जबकि रोस्तोव-ऑन-डॉन की लंबाई 73.8 मीटर थी. बस इसी वजह से रूस के इस छलावे का खुलासा हो गया. यानी रेप्लिका बनाने में गड़बड़ी हुई.

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इस तस्वीर में आपको पनडुब्बी का पिछला हिस्सा कवर के बाहर दिखाई देगा. इसकी मरम्मत की जा रही है. 

क्षतिग्रस्त पनडुब्बी को कवर करके की जा रही है मरम्मत 

लकड़ी की पनडुब्बी के सैटेलाइट तस्वीरों की जब जांच की गई तो पता चला कि ये तो प्रोजेक्ट 877 के अलरोसा पनडुब्बी के बराबर भी नहीं है. रोस्तोव की लंबाई तो दूर की बात है. अलरोसा की लंबाई 72.6 मीटर है. जो जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक रूस ने उस पनडुब्बी को 13वें शिफ रिपेयर प्लांट में भेजा है. ये प्लांट किलेन की खाड़ी वाले इलाके में है. वहां पर इस क्षतिग्रस्त पनडुब्बी को कवर करके रिपेयर किया जा रहा है. 

यूक्रेन की मिसाइल हमलें में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी सबमरीन

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पिछले साल सितंबर में यूक्रेन ने मिसाइलों से सेवास्तोपोल पर हमला किया था. इस हमले में यह पनडुब्बी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी. डूब गई थी. इसके बाद रूसी सरकार ने पनडुब्बी को बंदरगाह के नीचे यानी संमदर की गहराई से इसे निकाला. इसे सुखाने के लिए पहले ड्राई डॉक पर भेजा. फिर इस जून में इसे किलेन की खाड़ी की तरफ भेजा गया है, ताकि इसकी सही से मरम्मत हो सके. फिर ये अगले साल तक जाकर सेना में वापस होगी. 

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