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DRDO बना रहा मीडियम वेट फाइटर जेट, लगाए जा सकेंगे 13 हथियार, 2026 में पहली उड़ान

भारत के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के आधुनिक और नए वैरिएंट MK-2 को लेकर हाल ही में डीआरडीओ और वायुसेना के उच्च अधिकारियों के बीच बैठक हुई है. उम्मीद जताई जा रही है कि 2026 में इस फाइटर जेट की पहली उड़ान होगी. आइए जानते हैं कि भारत का यह नया फाइटर जेट कब मिलेगा भारतीय वायुसेना को. इसकी ताकत क्या है?

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डीआरडीओ और वायुसेना के अधिकारियों ने हाल ही में इस फाइटर जेट के लिए उच्च स्तरीय मीटिंग की है.
डीआरडीओ और वायुसेना के अधिकारियों ने हाल ही में इस फाइटर जेट के लिए उच्च स्तरीय मीटिंग की है.

LCA MK-2 यानी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क 2 को लेकर हाल ही में डीआरडीओ प्रमुख, भारतीय वायुसेना के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ, डीआरडीओ लेबोरेटरी, डिफेंस पीएसयू, CEMILAC, NFTC के अधिकारियों की मीटिंग हुई. यह एक उच्च स्तरीय रिव्यू मीटिंग थी. जिसमें एलसीए के डेवलपमेंट पर बातचीत की गई. 

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आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मीटिंग में यह पता चला है कि अगले दो महीनों में LCA MK-2 का पहला प्रोटोटाइप बन जाएगा. साल 2025 से यानी अगले साल से इसका रोल आउट शुरू हो जाएगा. यानी HAL में इसका प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. पूरी संभावना है कि 2026 में इस फाइटर जेट की पहली उड़ान पूरी होगी. यह एक मीडियम वेट फाइटर जेट (MWF) होगा. 

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यह फाइटर जेट वर्तमान LCA यानी तेजस से अपग्रेड होगा. इसमें बेहतर मैन्यूवरेबिलिटी यानी उड़ान के समय इसकी हैंडलिंग आसान होगी. शानदार एवियोनिक सुईट्स यानी विमान के नियंत्रण के लिए लगाए गए यंत्र. बेहतर सेंसर और ज्यादा ताकतवर इंजन होगा. यह नई पीढ़ी का फाइटर जेट होगा. इसके शामिल होने के बाद वायुसेना अपने जगुआर, मिराज 2000, MiG-29 एयरक्राफ्ट्स को हटा देगी.   

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LCA MK-2, DRDO, Indian Air Force

LCA MK-2 की स्पीड और रेंज होगी और बेहतर

यह स्वदेशी मल्टीरोल सुपरसोनिक फाइटर जेट होगा. इसमें एक या दो क्रू बैठ सकेंगे. लंबाई 47.11 फीट होगी. विंगस्पैन 27.11 फीट और ऊंचाई 15.11 फीट होगी. अधिकतम टेकऑफ वजन 17,500 kg होगा. यह अपने साथ 6500 kg वजन के हथियार लेकर उड़ सकेगा. 

एलसीए मार्क-2 फाइटर जेट की सबसे बड़ी ताकत होगी उसकी गति. यह अधिकतम 2385 km/घंटा की स्पीड से उड़ेगा. यानी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फाइटर जेट्स की गति को टक्कर देगा. इसकी रेंज कुल 2500 km होगी.  कॉम्बैट रेंज 1500 km होगी. यह अधिकतम 56,758 फीट की ऊंचाई तक जा सकेगा.  

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13 तरह के हथियार या उनका मिश्रण लगा सकते हैं

इसमें 13 हार्ड प्वाइंट्स होंगे यानी 13 अलग-अलग प्रकार के हथियार या फिर उनका मिश्रण लगाया जा सकता है. हवा से हवा में मार करने वाली MICA, ASRAAM, Meteor, Astra, NG-CCM, हवा से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस-NG ALCM, LRLACM, स्टॉर्म शैडो, क्रिस्टल मेज लगाने की योजना है. 

LCA MK-2, DRDO, Indian Air Force

एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम 1/2/3 लगाया जाएगा. इसमें प्रेसिशन गाइडेड म्यूनिशन यानी बम भी लगाए जाएंगे.इन प्रेसिशन गाइडेड म्यूनिशन में शामिल हैं स्पाइस, HSLD-100/250/450/500, DRDO Glide Bombs, DRDO SAAW. लेजर गाइडेड बमों में सुदर्शन बम लगाया जाएगा. 

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कई तरह के गाइडेड बम, आत्मघाती ड्रोन लगा सकेंगे

इसके अलावा क्लस्टर म्यूनिशन, लॉयटरिंग म्यूनिशन कैट्स अल्फा और अनगाइडेड बम लगाए जा सकते हैं. LCA Mark 2 फाइटर जेट में जो एवियोनिक्स लगे हैं वो उसे दुश्मन का पता लगाने. हमलों से बचने में मदद करेंगे. इसमें LRDE Uttam AESA Radar, DARE Unified Electronic Warfare Suite (UEWS), DARE Dual Colour Missile Approach Warning System (DCMAWS) और DARE Targeting pod लगे होंगे. ये ऐसे राडार और सेंसर्स हैं, जो दुश्मन के आते हुए विमान, मिसाइलों, रॉकेटों, हेलिकॉप्टरों आदि की खबर देते हैं. साथ ही विमान को बचाव के लिए पहले से तय तकनीक को ऑन कर देते हैं. 

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