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Ukraine के पास पानी में चलने वाला दुनिया का पहला आत्मघाती ड्रोन, रूस की हालत खराब

यूक्रेन ने दुनिया का पहला नौसैनिक ड्रोन बना लिया है. जो आत्मघाती तो है ही, साथ ही इसमें दो घातक मिसाइलें भी तैनात हैं. इसकी मदद से वह ब्लैक सी में रूस के जंगी जहाजों को करारा जवाब दे रहा है. आइए जानते हैं इसकी खासियत...

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ये उस ड्रोन से मिसाइल ट्रायल की तस्वीर है, जो यूक्रेन ने बनाई है. (सभी फोटोः यूक्रेन इंटेलिजेंस)
ये उस ड्रोन से मिसाइल ट्रायल की तस्वीर है, जो यूक्रेन ने बनाई है. (सभी फोटोः यूक्रेन इंटेलिजेंस)

दुनिया का पहला नौसैनिक ड्रोन यूक्रेन ने विकसित कर लिया है. इस छोटे से ड्रोन में दो एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें लगती हैं. इस मानवरहित नौसैनिक ड्रोन का नाम 'सी बेबी' (Sea Baby) है. अब इन ड्रोन्स की मदद से यूक्रेन काला सागर (Black Sea) में रूस के युद्धपोतों, विमानों, हेलिकॉप्टरों और फाइटर जेट्स को निशाना बना रहा है. 

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इससे पहले इन ड्रोन्स में मिसाइल नहीं लगे थे. ये विस्फोटक लेकर जाते थे और युद्धपोत से टकरा जाते थे. ऐसे ही एक ड्रोन ने रूस के जंगी जहाज मोस्कोवा को सेवास्तोपोल पोर्ट के पास डुबोया था. उसके बाद इनको निशाना बनाने के लिए रूस ने हेलिकॉप्टरों और फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया. 

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इसके बाद यूक्रेन ने हवाई हमलों से बचने के लिए इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लगा दीं. जंग के मैदान में ये ड्रोन्स काफी ज्यादा सफल साबित हो रहे हैं. पहले तो ये पूरी तरह से आत्मघाती होते हैं. इनमें भारी मात्रा में विस्फोटक लदा रहता है. इसके अलावा अब इसमें मिसाइलें भी तैनात कर दी गई है. ये और घातक हो गया है. 

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फ्यूचर में लगेंगी मशीन गन, ब्रिटेन की मिसाइलों से लैस

यूक्रेन इसमें मशीनगन भी लगाने जा रहा है ताकि ताबड़तोड़ हमला किया जा सके. साथ ही उसके किसी सैनिक को नुकसान न हो. नया ड्रोन यानी सी बेबी पिछले ड्रोन से ज्यादा खतरनाक है. इसमें दो R-73 एयर-एयर मिसाइलें लगी हैं. यूक्रेन को ये मिसाइलें ब्रिटेन ने दी हैं. अगर मिसाइलों से कोई युद्धपोत बच जाए तो ड्रोन आत्मघाती हमला कर देता है. 

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यूक्रेन के सेल्फ प्रोटेक्शन की ताकत इस ड्रोन ने बढ़ाई

ये मिसाइलों मिग-29, सुखोई-27 में लगती हैं. जो कि फाइटर पायलट्स हेलमेट माउंटेड सिस्टम से दागते हैं. यूक्रेन के इस ड्रोन का फायदा ये है कि इससे सेल्फ प्रोटेक्शन का मामला बढ़ जाता है. अब यह तेज गति से चलने वाला ड्रोन है. आसानी से टारगेट नहीं बनाया जा सकता. आवाज कम है, इसलिए आते हुए पता नहीं चलता. 

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क्रीमिया और ब्लैक सी में यूक्रेन दे रहा रूस को टक्कर

क्रीमिया में मौजूद रूसी बेस पर इस ड्रोन के जरिए यूक्रेन सीधा हमला कर सकता है. वह भी बिना पता चले. यह चुपचाप नहरों के किनारे खड़ा रह सकता है. अब दुनिया भर के नौसैनिक ड्रोन बनाने वाली कंपनियां यूक्रेन के इस ड्रोन को लेकर खुश हैं. वो इसकी डिजाइन और तकनीक की मांग कर रहे हैं. 

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