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अमेरिका ने लगाया PAK के मिसाइल प्रोग्राम पर प्रतिबंध... चीन से टेक्नोलॉजी लेने का आरोप

अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम पर प्रतिबंध लगाया है. इसमें शाहीन-3 और अबाबील जैसी एडवांस मिसाइलों के विकास में शामिल संगठनों पर निशाना साधा गया है. ये प्रतिबंध मुख्य रूप से उन चीनी और पाकिस्तानी संगठनों पर है, जो बैलिस्टिक मिसाइलों की तकनीक को दुनिया में बांट रहे हैं.

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शाहीन और अबाबील मिसाइलें पाकिस्तानी सेना की ताकत मानी जाती हैं. लेकिन फिलहाल पाकिस्तान इन्हें बना नहीं पाएगा. (फोटोः गेटी/AFP)
शाहीन और अबाबील मिसाइलें पाकिस्तानी सेना की ताकत मानी जाती हैं. लेकिन फिलहाल पाकिस्तान इन्हें बना नहीं पाएगा. (फोटोः गेटी/AFP)

पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है. इस प्रतिबंध के तहत पाकिस्तानी बैलिस्टिक मिसाइल शाहीन-3 और अबाबील मिसाइलों का डेवलपमेंट प्रोग्राम भी है. इस प्रतिबंध के तहत वो चीनी या पाकिस्तानी संगठन या संस्थान आते हैं, जो इस तरह की मिसाइलों के डेलवपमेंट में मदद कर रहे हैं. साथ ही मिसाइल तकनीकों को दुनिया में बांट रहे हैं. 

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शाहीन-3 (Shaheen-3) और अबाबील मिसाइलें पाकिस्तानी सेना का सबसे खतरनाक हथियार है. शाहीन-3 मिसाइल की रेंज 2740 किलोमीटर है. जबकि अबाबील 2200 किलोमीटर की रेंज में एक साथ कई टारगेट पर एक साथ निशाना लगा सकता है. इसमें मल्टीपल इंडिपेंडटेली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल्स (MIRVs) लगा सकते हैं. 

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US Ban on Pakistan Missile Program

इन मिसाइलों पर दुश्मन के मिसाइल डिफेंस सिस्टम का भी असर नहीं होगा. इससे पाकिस्तान का स्ट्रैटेजिक पावर बढ़ता है. खासतौर से भारत के खिलाफ. अबाबील मिसाइल को 2017 में पेश किया गया है. यह एक बार में कई टारगेट्स पर हमला कर सकता है. इसकी टेस्टिंग 2023 में हुई थी. इसके बाद 2024 के पाकिस्तान डे परेड में इसे दिखाया भी गया था. 

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शाहीन-3 अंडमान-निकोबार तक कर सकती है हमला

शाहीन-3 मिसाइल भारत के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह तक मार करने में सक्षम हैं. पाकिस्तान इस बात का दावा करता है कि इस मिसाइल से वह भारत के किसी भी कोने में हमला कर सकता है. माना जाता है कि पाकिस्तान इस मिसाइल का इस्तेमाल भारत के खिलाफ काउंटर स्ट्राइक वेपन के तौर पर कर सकता है. 

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US Ban on Pakistan Missile Program

अमेरिका का आरोप क्या है, कैसा प्रतिबंध लगा है? 

अमेरिका ने पाकिस्तान और चीन की कंपनियों के खिलाफ आर्म्स एक्सपोर्ट कंट्रोल एक्ट (AECA) और एक्सपोर्ट कंट्रोल रिफॉर्म एक्ट (ECRA) के तहत आरोप लगाया है. चीन के बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन फॉर मशीन बिल्डिंग इंडस्ट्री (RIAMB) पर शाहीन-3 और अबाबील के डेवलपमेंट, टेक्नोलॉजी टेस्टिंग और तकनीक बांटने का आरोप है.  

पाकिस्तानी नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स (NDC) कथित तौर पर RIAMB के साथ मिलकर काम कर रही है. वह चीन से रॉकेट मोटर टेस्टिंग इक्विपमेंट हासिल कर रही है. ताकि ज्यादा से ज्यादा मिसाइलों बना सके. इसके अलावा अमेरिका ने चीन की हुबेई हुआचांगाद इंटेलिजेंट इक्विपमेंट और यूनिवर्सल एंटरप्राइज पर प्रतिबंध लगाया है. यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है ताकि चीन और पाकिस्तान बैलिस्टिक मिसाइल के अंतरराष्ट्रीय कानूनों को तोड़ न पाएं. 

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