करीब 23 लाख की आबादी वाला राजस्थान का गुमनाम जिला भीलवाड़ा पिछले महीने अचानक सुर्खियों में आ गया था. दरअसल भीलवाड़ा देश का इकलौता ऐसा इलाका बना बैठा था, जहां कोरोना की थर्ड स्टेज ने दस्तक दे दी थी. कोरोना के अचानक आए 27 मामलों ने राजस्थान सरकार और भीलवाड़ा प्रशासन के हाथ-पैर फुला दिए. शुरुआत एक प्राइवेट हॉस्पिटल से हुई. जहां एक डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद तो मानो यहां कोरोना पॉज़िटिव मामलों की झड़ी ही लग गई. एक बार तो लगा कि भीलवाड़ा इटली ना बन जाए. मगर फिर जो मॉडल यहां अपनाया गया उसे देखकर पूरी दुनिया हैरान रह गई.. इस मॉडल ने ऐसा चमत्कार किया कि भीलवाड़ा में कोरोना के मरीज़ों की तादाद 27 से 28 तक नहीं होने पाई. पर आखिर ये भीलवाड़ा मॉडल था क्या? इसे किसने बनाया, कैसे बनाया. सरकार और प्रशासन ने यहां कोरोना के मरीज़ों की तादाद को कैसे नहीं बढ़ने दिया? इस कामयाबी के पीछे के हीरो कौन है? ये जानना जरूरी है तो शुरुआत सबसे पहले भीलवाड़ा के मॉडल से.