दिल्ली के दंगों में जिनकी जान चली गई. उनके अपने तो ख़ैर मातम में डूबे हैं और जिनकी जान बच गई, वो ऊपरवाले का शुक्र कर रहे हैं. लेकिन इन दंगों में जो लोग घर नहीं लौटे हैं, गायब हैं, उनके घरवालों को ये समझ में नहीं आ रहा कि आख़िर वो उन्हें ढूंढे तो कहां ढूंढे. दिल कह रहा है कि सबकुछ ठीक होगा, मगर दिमाग कह रहा है कि कहीं कुछ गलत ना हो जाए. देखें पीसीआर.