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पीसीआर: कोरोना की तरह ही प्लेग ने चीन के बाद किया था भारत का रुख, मचाई थी तबाही

पीसीआर: कोरोना की तरह ही प्लेग ने चीन के बाद किया था भारत का रुख, मचाई थी तबाही

हर सौवें साल आने वाली इस महगामारी ने दुनिया के किसी कोने को नहीं छोड़ा. करोड़ों इंसानों की जान लेने के साथ-साथ इसने कई इंसानी बस्तियों के तो नामो-निशान तक मिटा दिए. तो क्या है हर सदी में आने वाली इन महामारियों की कहानी? क्यों हर 100 साल में होता है इंसानी सभ्यता पर हमला? क्यों सब कुछ होते हुए भी इन महामारियों के सामने बेबस हो जाता है इंसान? पिछली चार सदियों से हर सौ साल पर अलग-अलग महामारियों ने दुनिया पर हमला किया और हर बार लाखों लोगों को बेमौत मार गईं ये महामारियां. और हर बार हमने इन महामारियों का इलाज ढूंढने में इतनी देर कर दी कि बहुत देर हो गई. इंसानी तारीख में महामारी का इतिहास बहुत स्याह और भयानक है. जिस तरह की तबाही आज कोरोना ने चीन में ढाई है इससे कहीं ज्यादा खौफनाक तबाही 19वीं सदी में चीन में देखने को मिली थी. प्लेग की शक्ल में. 1860 के दशक में प्लेग की वजह से अकेले चीन में करीब 25 लाख लोगों की मौत हो गई थी. ये वही प्लेग था जिसने चीन के बाद भारत का रुख किया और भारत में भी भयंकर तबाही मचाई. एक आंकड़े के मुताबिक उस दौर में भारत में प्लेग से करीब एक करोड़ से ज़्यादा लोगों की जान चली गई थी.

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