क्या रुपये-पैसे और रसूख के दम पर जेल में बैठे-बैठे भी फ़ाइव स्टार लाइफ़ जिया जा सकता है? क्या जेल में बैठे-बैठे में किसी से मोबाइल फ़ोन पर आराम से घंटों बतियाया जा सकता है? क्या जेल में बैठे-बैठे भी गुनहगार अपना गैंग चला सकते हैं? ये सवाल बड़े अजीब हैं, क्योंकि इन सवालों का जवाब हां में हो ऐसा मुमकिन नहीं लगता। लेकिन देश के सबसे हाई सिक्योरिटी जेलों में से एक तिहाड़ में इन दिनों यही मुमकिन है. पैसा बोल रहा है और गुनहगारों ने कारागार को ही ऐशगाह बना लिया है. और ये बात हम नहीं कह रहे, बल्कि जेल में इंटरसेप्ट किए गए फ़ोन कॉल्स की रिकॉर्डिंग और और एक जज की इनवेस्टिगेशन रिपोर्ट बता रही है. तो आज पीसीआर में यही खौलता हुआ खुलासा. देखें वीडियो.