सीलिंग पर सियासत इस कदर गरमाई है कि इसकी आंच में सियासी रोटियां पकने लगी हैं. पार्टियों में खुद को जनता का हितैशी दिखाने की होड़ है. हर नेता खुद को सीलिंग के खिलाफ बताकर जनता के हितों का रखवाला बता रहा है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तो अभी सीलिंग के विरोध की रणनीति ही बना रहे थे कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एक सील तोड़कर अपना सियासी पलड़ा भारी कर दिया. सीलिंग महीनों से चल रही है लेकिन कई महीने बाद मनोज तिवारी को सीलिंग इतनी नागवार गुजरी कि वो खुद ही एक मकान की सील तोड़ने गोकुलपुर पहुंच गए. एमसीडी ने मकान को दोबारा सील कर दिया तो तिवारी भी वहां दोबारा पहुंच गए. सियासी ड्राम खूब चला और अपना मकसद पूरा करके मनोज तिवारी लौट गए. लेकिन मकान अब भी सील है.लोगों को सीलिंग से राहत नहीं मिली लेकिन सीलिंग पर सियासत टॉप गियर में आ गई है. Politics on sealing has warmed up The politics on sealing has warmed up. There is a competition in political parties to show public interest. Every leader is telling that he is against the sealing, keeping the interest of the public.
The politics on sealing has warmed up. There is a competition in political parties to show public interest. Every leader is telling that he is against the sealing, keeping the interest of the public.