टैंकरों को निजी हाथों में सौंपने के सात पानी के निजीकरण की तरफ सरकार ने पहला कदम बढ़ा दिया है. आम लोगों के साथ दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी भी सरकार के इस फैसले से खफा है.