शीला दीक्षित ने अनधिकृत कॉलनियों के मुद्दे को पांच साल बाद एक बार फिर से तुरुप का पत्ता बना लिया है. पिछले चुनावों में कॉलनियों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट बांटे गए तो इस बार नियमों में छूट दिलाकर वाहवाही बंटोरने की तैयारी है. डीडीए ने नोटिफिकेशन जारी कर 2002 की जगह 2007 के नक्शे को नियमित होने का आधार बना दिया है.