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चुनावी विश्लेषण: 2019 और 2020 के चुनाव में क्या है अंतर?

चुनावी विश्लेषण: 2019 और 2020 के चुनाव में क्या है अंतर?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 (Delhi Assembly Elections 2020) के लिए शनिवार को सुबह मतदान (Voting) की प्रकिया धीमी रही. उसके बाद दोपहर में तेजी से मतदान हुए. आजतक एक्सिस माय ​इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक दिल्ली में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सत्ता पर कब्जा बरकरार रखती नजर आ रही है जबकि बीजेपी (BJP) को बड़ा झटका लगने के आसार हैं. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने 6 प्रचार अभियान में हिस्सा लिया जिनमें जनसभा और रोड शो हासिल है. बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी (Narendra Modi) की लोकप्रियता को भुनाने का प्रयास किया. साल 2015 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव की नजर से देखें तो बीजेपी को आम आदमी पार्टी को शिकस्त देने के लिए बहुत पसीना बहाना होगा. साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 32.19 फीसदी वोट मिले थे लेकिन उसे सिर्फ तीन सीटें हासिल हुई थी. आम आदमी 54.34 फीसदी वोट लेकर पहले नंबर पर रही थी और उसे 67 सीटें हासिल हुई थीं. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) को सिर्फ 9.65 फीसदी वोट मिले थे जबकि उसे कोई सीट नहीं मिली थी. अन्य उम्मीदवारों को 3.82 फीसदी वोट मिले थे. हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में ये हालात बदल गए. इस विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 56 प्रचार अभियान में हिस्सा लिया जिनमें जनसभा और रोड शो हासिल है.  प्रधानमंत्री मोदी ने शाहदरा और द्वारका दो रैलियों में हिस्सा लिया. बीजेपी के कद्दावर नेता अमित शाह (Amit Shah) ने 48 प्रचार अभियानों में हिस्सा लिया जबकि पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा (JP Nadda) 42 अभियानों में शरीक हुए. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath)ने 12 रैलियों में हिस्सा लिया. कांग्रेस चुनाव प्रचार (Election Campaign) में काफी पीछे रही.

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